त्रिवेंद्रम। हरियाणा की अनुभवी निशानेबाज अनीसा सैयद ने 61वीं राष्ट्रीय निशानेबाजी प्रतियोगिता में महिलाओं की 25 मीटर पिस्टल स्पर्धा में नए रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीता। अनीशा 33 के स्कोर के साथ पहले जबकि महाराष्ट्र की शीतल शिवाजी थौराट दूसरे और राही सरनोबट तीसरे नंबर पर रहीं।
शीतल ने भी 30 के स्कोर के साथ फाइनल में नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया जबकि राही ने 28 का स्कोर किया। मनु भाकेर ने भी बुधवार को चैंपियनशिप में 10वां और 11वां स्वर्ण हासिल किया। हरियाणा की गौरी श्योराण ने भी चैंपियनशिप में अब तक चार पदक जीते। उन्होंने टीम स्पर्धा में दो स्वर्ण और व्यक्तिगत स्पर्धा में दो रजत पदक जीते हैं।
दिल्ली राष्ट्रमंडल खेल-2010 में दो स्वर्ण पदक जीत कर महिला निशानेबाज अनीसा सैयद राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय निशानेबाजी सर्किट में एकाएक चर्चा में आईं थीं। अनीसा ने ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेल-2014 में रजत पदक जीता और फिर इंचियोन एशियन गेम्स में कांस्य पदक जीता था, पर इसके बाद से उनके प्रदर्शन में गिरावट आ रही थी। यहां तक कि राष्ट्रीय निशानेबाजी प्रतियोगिताओं में भी उनका प्रदर्शन रजत पदक से आगे नहीं बढ़ रहा था। पिछले कुछ वर्षो में उनके प्रदर्शन में ठहराव सा आ गया था।
इधर वर्ष 2016 में अनीसा ने एक कन्या को जन्म देकर अपने परिवार को आगे बढ़ाया। इन कारणों से बेटी के जन्म से कुछ महीने पहले तक और फिर बाद में देखभाल के चलते हाथ में पिस्तौल थामे हुए एक अरसा बीत गया। इस तरह एक जोशीली खिलाड़ी कुछ करने को बेकरार भी हो रही थी। मंगलवार को केरल के तिरुवनंतपुरम में जारी 61वीं राष्ट्रीय निशानेबाजी प्रतियोगिता में हरियाणा का प्रतिनिधित्व करते हुए अनीसा ने 25 मीटर स्पोर्ट्स पिस्टल स्पर्धा में एकल वर्ग में स्वर्ण पदक एक बार फिर स्वयं को साबित किया। दैनिक जागरण से बातचीत में अनीसा सैयद ने कहा कि राष्ट्रीय प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतने के अपने मायने हैं और यह पदक उनका खोया हुआ आत्मविश्वास वापस लाने व जोश भरने में सहायक साबित होगा। पीले तमगे को गले में पहने हुए कई वर्ष बीत चुके थे और इसे हासिल करने का इंतजार कर ही थी।
अनीसा ने कहा कि फाइनल राउंड में मेरी टक्कर महाराष्ट्र की खिलाड़ी शीतल शिवाजी थोराट से थी और हम दोनों के स्कोर पहले चार निशानों में बराबर थे। अंतिम निशाने में मैंने चार का स्कोर किया और शीतल का स्कोर एक रहा। तीन अंकों की कुल बढ़त से स्वर्ण पदक पाने में कामयाब रही। टीम वर्ग में अनीसा ने अनीता व मुस्कान के साथ मिलकर हरियाणा को कांस्य पदक दिलाया। अनीसा ने कहा कि खुद को साबित करने के लिए यह स्वर्ण पदक बहुत जरूरी था। अगले साल राष्ट्रमंडल खेलों के बाद एशियन खेल होंगे।
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