न्यूज़ डेस्क : गृह मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर को लेकर बड़ा फैसला लिया है। मंत्रालय ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की 72 कंपनी को तुरंत हटाने का फैसला किया है। बता दें कि जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा को लेकर गृह मंत्रालय ने मंगलवार को उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक दिल्ली में बुलाई थी।
इनमें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की 24, जबकि बीएसएफ, आईटीबीपी, सीआईएसएफ और एसएसबी 12-12 कंपनियों को हटाने का फैसला लिया गया है।
बैठक में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल जीसी मुर्मू, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत, डीजी जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ डीजी राजीव राय भटनागर पहुंचे थे।
सूत्रों की मानें तो इस बैठक में जम्मू-कश्मीर में लगातार सीमा से हो रही घुसपैठ, सीजफायर उल्लंघन सहित आंतरिक सुरक्षा पर चर्चा हुई। साथ ही प्रदेश में नजरबंद नेताओं की रिहाई, सहित इन्टरनेट सेवाओं को शुरू करने पर चर्चा हुई।
माना जा रहा है कि इस बैठक में लद्दाख में पुलिस प्रमुख के पद पर किसे भेजना है इसपर चर्चा हुई। लद्दाख में पुलिस प्रमुख की कमान संभालने के लिए दिल्ली पुलिस में तैनात किसी आला अनुभवी आईपीएस अधिकारी को ही भेजा जा सकता है। लद्दाख नवगठित केंद्रशासित प्रदेश है और भौगोलिक नजरिये से बेहद संवेदनशील है।
सूत्रों ने बताया कि जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीजीपी पद पर भी बदलाव होना है। ऐसे में यह बैठक कई मायनों में एहम है।
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