नई दिल्ली। सेना के तीनों अंगों में करीब 60000 पद रिक्त हैं। सबसे ज्यादा 27000 रिक्तियां थलसेना में है। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में बुधवार को बताया कि थलसेना, नौसेना और वायुसेना में अधिकारियों के कुल 9,259 पद रिक्त हैं। इससे नीचे के रिक्त पदों की संख्या 50,363 है। एक सवाल के जवाब में रक्षा मंत्री ने कहा कि एक जुलाई को थलसेना की कुल शक्ति 12.37 लाख थी। कुल स्वीकृत शक्ति 12.64 लाख है। इस तरह कुल 27,864 पद रिक्त हैं। नौसेना की मौजूदा ताकत 67,228 है और रिक्त पदों की संख्या 16,255 है। वायुसेना में भी 15,503 कर्मी कम हैं। इसकी स्वीकृत शक्ति 1.55 लाख है। सेना में भर्ती की प्रक्रिया जारी रहती है। कमी दूर करने के लए सरकार ने कई कदम उठाए हैं।
रक्षा राज्यमंत्री सुभाष भामरे ने एक सवाल के जवाब में कहा कि पिछले चार वर्षो के दौरान कुल 418 जवानों ने आत्महत्या की। ऐसे मामलों में 335 अकेले सेना के हैं। उन्होंने बताया कि चार वर्षो में सशस्त्र बलों के 41,960 जवानों ने समय से पहले सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन दिया है।
न्यायाधीशों की नियुक्ति का प्रस्ताव नहीं मिला
सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों के छह पद रिक्त हैं। नौ हाई कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश भी नहीं है। लेकिन सरकार को अभी तक शीर्ष अदालत कोलेजियम की तरफ से इन पदों को भरने के लिए कोई प्रस्ताव नहीं मिला है। केंद्रीय कानून राज्यमंत्री पीपी चौधरी ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में इस आशय की जानकारी दी।
सीआइसी में 26000 मामले लंबितकेंद्रीय सूचना अयोग (सीआइसी) के पास इस वर्ष एक अप्रैल तक कुल 26,449 अपील लंबित थे। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में बताया, ‘सबसे पुरानी शिकायतों की संख्या छह है। ये शिकायतें 2012 में दर्ज कराई गई थीं।
विदेश में भारतीय छात्रों पर हमले
इस वर्ष भारतीय छात्रों पर 10 देशों में हमले की २१ घटनाएं सरकार की जानकारी में आई है। इनमें से नौ की जानकारी पोलैंड से मिली है। विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह ने लोकसभा में एक लिखित प्रश्न के जवाब में यह जानकारी दी।
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