डोनास्ड ट्रंप के सिर पर  5.76 अरब रुपये का इनाम घोषित

न्यूज़ डेस्क : ईरान में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनास्ड ट्रंप के सिर पर  5.76 अरब रुपये का इनाम घोषित किया गया है। माना जा रहा है कि इस नए एलान से दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ेगा। उधर ट्रंप ने ईरान को सीधे धमकी देते हुए कहा है कि उसने हमले की हिमाकत की तो तबाह कर देंगे। 

 

ईरानी सेना के जनरल कासिम सुलेमानी के अंतिम संस्कार के दौरान एक संस्था ने ट्रंप के सिर कलम करने पर 80 मिलियन डॉलर के इनाम की घोषणा की। इस रकम को इकठ्ठा करने के लिए संस्था ने सभी ईरानी नागरिकों से एक डॉलर दान करने की अपील की। बता दें कि ईरान के मसाद में सुलेमानी का अंतिम संस्कार किया गया।

ट्रंप की धमकी- बदला लिया तो सांस्कृतिक स्थलों पर करेंगे हमला
ट्रंप ने एक अन्य बयान में कहा है कि यदि ईरान अपने शीर्ष सैन्य कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत का बदला लेने की कोशिश करता है तो अमेरिका बड़ी जवाबी कार्रवाई करेगा और ईरानी सांस्कृतिक स्थलों पर बमबारी की जाएगी। इससे पहले भी ट्रंप कई बार ईरान को धमका चुके हैं।

इराक पर भी लगाएंगे कड़े प्रतिबंध: ट्रंप
ट्रंप ने कहा कि यदि इराक अपने संसद में अमेरिकी सैनिकों को वापस भेजने के लिए कानून बनाता है तो हम उसपर अब तक के सबसे कड़े प्रतिबंध लगाएंगे। उन्होंने कहा कि यदि वे हमें जाने को कहते हैं, यदि यह मित्रवत रूप से नहीं किया जाता है, तो हम उन पर अब तक के सबसे कड़े प्रतिबंध लगाएंगे। इन प्रतिबंधों से ईरान पर लगाए गए प्रतिबंध भी छोटे लगने लगेंगे।

बता दें कि इराक की संसद ने देश में अमेरिकी सेना की मौजूदगी समाप्त करने की अपील संबंधी प्रस्ताव के पक्ष में रविवार को मतदान किया। प्रस्ताव का मुख्य लक्ष्य अमेरिका को इराक के विभिन्न हिस्सों में मौजूद करीब 5,000 अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाने को कहना है।

 

ईरान ने अपने ऊपर लगे परमाणु कार्यक्रम को संचालित करने वाले प्रतिबंध को हटा लिया है। ईरानी मीडिया ने यह जानकारी दी। ईरानी राज्य टीवी रिपोर्ट में कहा गया है कि ईरान अब 2015 के अपने परमाणु समझौते की किसी भी सीमा का पालन नहीं करेगा। 

बता दें कि ईरान परमाणु समझौते से पीछे हटने के पांचवें चरण को अंतिम रूप दे चुका था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्बास मौसवी ने रविवार को कहा, पांचवें चरण के संबंध में निर्णय पहले ही हो चुका था, मगर मौजूदा हालात को देखते हुए रविवार रात एक महत्वपूर्ण बैठक में अहम बदलाव किए गए। ईरान और वैश्विक ताकतों के बीच 2015 में परमाणु समझौते पर सहमति हुई थी, मगर अमेरिका 2018 में इससे पीछे हट गया था।

तुर्की ने लीबिया में सैनिकों की तैनाती की :वहीं, ईरान के इस एलान के बाद तुर्की ने लीबिया में सैनिकों की तैनाती करना शुरू कर दिया है। तुर्की के राष्ट्रपति रिसेप तैय्यप मे कहा कि लीबिया में तुर्की के सैनिकों की तैनाती शुरू हो गई है। दूसरी ओर, जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने इरान से अपना यह कदम वापस लेने की अपील की है।

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