इंडियन नेशनल कार्टोग्राफिक एसोसिएशन (आईएनसीए) की 42वीं अंतर्राष्ट्रीय कांग्रेस का आयोजन नेशनल हाइड्रोग्राफिक ऑफिस (एनएचओ), देहरादून द्वारा 09 से 11 नवंबर 2022 तक किया जा रहा है। 09 नवंबर 2022 को उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि उत्तराखंड के राज्यपाल महामहिम लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेवानिवृत्त) थे।
भारत सरकार के मुख्य हाइड्रोग्राफर वाइस एडमिरल अधीर अरोड़ा, आईएनसीए के वर्तमान अध्यक्ष हैं। कार्टोग्राफी के अत्याधुनिक स्वरूप पर काम करने वाले नौसेना हाइड्रोग्राफिक विभाग (एनएचडी) के कार्मिक 1979 में इसकी स्थापना के बाद से आईएनसीए में सक्रिय हैं। नेशनल हाइड्रोग्राफिक ऑफिस (एनएचओ) ने इससे पहले 01 से 03 नवंबर 2017 तक देहरादून में 37वीं आईएनसीए कांग्रेस का आयोजन किया था।
आईएनसीए की स्थापना वर्ष 1979 में हुई थी और यह कार्टोग्राफी के क्षेत्र में 3000 से अधिक आजीवन सदस्यों और संस्थागत सदस्यों के साथ सबसे बड़े संगठनों में से एक के रूप में सामने आया है। नेशनल हाइड्रोग्राफिक ऑफिस (एनएचओ), सर्वे ऑफ इंडिया, इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन, नेशनल थीमैटिक मैप ऑर्गनाइजेशन और यूनिवर्सिटी जैसे संगठन इस एसोसिएशन का हिस्सा हैं। कार्टोग्राफी के विभिन्न पहलुओं में सामंजस्य स्थापित करने के लिए एसोसिएशन की देश भर के विभिन्न केंद्रों पर विभिन्न शाखाएं काम कर रही हैं। यह बड़े गर्व की बात है कि अनेक मानचित्रकार, प्रख्यात वैज्ञानिक, योजनाकार और पेशेवर वर्षों से इस कांग्रेस में भाग ले रहे हैं।
42वीं आईएनसीए कांग्रेस का फोकल थीम ‘डिजिटल कार्टोग्राफी टू हार्नेस ब्लू इकोनॉमी’ है। कांग्रेस के विचार-विमर्श को 07 उप-विषयों में विभाजित किया जाएगा, जिसमें मैपिंग के लिए स्पेस टेक्नोलॉजीज, सतत विकास के लिए कार्टोग्राफिक एप्लिकेशन, आपदा प्रबंधन में जियोमैटिक्स, पर्यावरण योजना और प्रबंधन के लिए मैपिंग, संसाधन प्रबंधन के लिए हाइड्रोग्राफी और भूमि संसाधन मानचित्रण तथा सर्वेक्षण शामिल हैं। सभी विषय मानचित्रकार और वैज्ञानिक समुदाय के लिए समकालीन रुचि के हैं। क्षेत्र में प्रतिष्ठित कर्मियों द्वारा इन विषयों पर बड़ी संख्या में पेपर प्रस्तुत किए जाएंगे। कांग्रेस का परिणाम विकासात्मक उद्देश्यों हेतु एक उपाय के रूप में कार्टोग्राफी का उपयोग करने की व्यवहार्यता का पता लगाना है।
कांग्रेस में सर्वेयर जनरल श्री सुनील कुमार (संयुक्त सचिव) डीएसटी, ज्वाइंट चीफ हाइड्रोग्राफर रियर एडमिरल लोचन सिंह पठानिया, निदेशक एनएटीएमओ और इसरो, एसईआरबी, आईआईआरएस, एनआरएसए, एनएटीएमओ के प्रमुख वैज्ञानिक और चंडीगढ़ विश्वविद्यालय, शांतिनिकेतन विश्वविद्यालय, जाधवपुर विश्वविद्यालय, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय आदि के शिक्षाविद भाग लेंगे।
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