चंडीगढ़। आठ दिन से हड़ताल पर चल रहे एनएचएम (राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन) कर्मचारियों को काम पर लौटने के तमाम मौके देने के बाद अब सरकार ने 3728 कर्मचारियों को बर्खास्तगी के लेटर थमा दिए हैं। दो दिन पहले ही स्वास्थ्य विभाग ने दस हजार से अधिक कर्मचारियों को नोटिस जारी करते हुए ड्यूटी ज्वाइन करने की आखिरी मोहलत दी थी।
कर्मचारियों का अनुबंध समाप्त करने के बाद अस्पतालों में नई भर्ती करने की प्रक्रिया पहले ही शुरू हो गई है। केंद्र सरकार के प्रोजेक्ट के तहत हरियाणा में कुल 10,601 एनएचएम कर्मचारी तैनात हैं। इसकी जानकारी खुद स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने दी।
सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू कर सभी कर्मचारियों को पक्का करने, समान काम के लिए समान वेतन देने और सेवा नियम का ड्राफ्ट जारी करने की मांग को लेकर एनएचएम कर्मचारी 5 दिसंबर से अस्पतालों के आगे तंबू गाड़े बैठे हैं। सरकार द्वारा बर्खास्तगी का नोटिस थमाने के बाद इनमें से 4693 कर्मचारी काम पर लौट आए, जबकि 5908 अभी भी हड़ताल पर हैं।
धारा-144 बेअसर, मोर्चे पर डटे रहे प्रदर्शनकारी
हड़ताली कर्मचारियों को हटाने के लिए सभी जिलों में अस्पतालों के दो किलोमीटर क्षेत्र में धारा-144 लगाई गई है। इसके बावजूद हड़ताली कर्मचारी अस्पताल परिसर में ही धरना देकर नारेबाजी में लगे रहे। हरियाणा एनएचएम कर्मचारी एसोसिएशन से जुड़े कर्मचारियों ने एलान किया कि वे किसी भी सूरत में पीछे हटने वाले नहीं। सरकार को उनकी मांगें पूरी करनी पड़ेंगी।
आदेश नहीं मानने पर लिया एक्शन : विज
स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज का कहना है कि एनएचएम कर्मचारियों की मानदेय में तीन फीसद बढ़ोत्तरी और सेवा नियमों की मांग प्रदेश सरकार पूरी कर चुकी। इन्हें पक्का करना प्रदेश सरकार के अधिकार में नहीं है। इसलिए इन कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने का कोई औचित्य नहीं है। सरकार का आदेश नहीं मानने पर साढ़े तीन हजार से अधिक कर्मचारियों पर कार्रवाई की है।
News Source: jagran.com
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