हरिद्वार : थिथौला स्थित एक लोहे की फैक्ट्री में लोहे का लावा गिरने के बाद सिलेंडर में ब्लास्ट होने के साथ ही जनरेटर में आग लग गई। इसकी चपेट में आने से फैक्ट्री में काम कर रहे करीब 12 श्रमिक झुलस गए। इनमें से दो की हालत गंभीर है। फैक्ट्री प्रबंधन ने इस मामले को छिपाए रखा और जानकारी मिलने पर पहुंची पुलिस को काफी देर तक अंदर नहीं जाने दिया।
लंढौरा क्षेत्र के थिथौला गांव में राणा बार के नाम से लोहे की फैक्ट्री है। रविवार की शाम को फैक्ट्री में लोहे की भट्टी पर काम चल रहा था। बताया गया है कि पिघले हुए लोहे को दूसरी जगह क्रेन की मदद से भेजा जा रहा था। इसी दौरान क्रेन का रस्सा टूट गया। जिससे लोहे का लावा वहां काम कर रहे करीब 12 श्रमिक पर गिर गए। इसकी चपेट में आने से वह बुरी तरह से झुलस गए।
इसी दौरान पिघले हुए लावा से वहां पर गैस सिलेंडर में भी ब्लास्ट हो गया। जिससे वहां पर रखे जनरेटर में भी आग लग गई। मजदूरों की चीख सुनकर अन्य कर्मचारी मौके पर पहुंच गए। सूचना मिलने पर एसआइ प्रमोद कुमार पीएसी के साथ मिलकर मौके पर पहुंचे। फैक्ट्री के अंदर जाने को लेकर पुलिस की फैक्ट्री के सुरक्षाकर्मियों के साथ नोंकझोंक भी हुई। पुलिस ने मौके पर जाकर जांच पड़ताल की। इस मामले में फैक्ट्री के एक अधिकारी को हिरासत में लिया है।
लावा से झुलसे कर्मचारियों के नाम खुशनसीब, वसीम, सत्तार निवासी थिथौला, इनाम निवासी मुजफ्फरनगर उत्तर प्रदेश अंकित निवासी बुढ़ाना जिला बागपत उत्तर प्रदेश, सचिन और राजीव समेत करीब 12 लोग है। घायलों का किस अस्पताल में उपचार चल रहा है। इस बारे में प्रबंधन कोई जानकारी देने से इंकार कर दिया। मंगलौर कोतवाली प्रभारी गिरीश चंद शर्मा का कहना है कि अभी तक मामले की तहरीर नहीं आई है। तहरीर आने पर कार्रवाई की जाएगी।
News Source: jagran.com
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