न्यूज़ डेस्क : एक फरवरी को आम बजट पेश होने के बाद से देश के शेयर बाजार में उछाल से निवेशकों के साथ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी खुश हैं। मंगलवार को वित्त मंत्री ने एक कार्यक्रम में कहा कि शेयर बाजारों ने केंद्रीय बजट 2021-22 को ‘‘सकारात्मक’’ रूप में लिया है और पिछले एक सप्ताह के दौरान इक्विटी में 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। बजट की घोषणा हुए 10 दिन हो गए हैं। मैं समझती हूं कि पहली बार बाजार पूरे एक हफ्ते तक पूरी तरह से सकारात्मकता दिशा में बना रहा है।
इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स (आईसीसी) के बजट-पश्चात कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीतारमण ने कहा कि बजट ने निजी क्षेत्र की अधिक भागीदारी के लिए रास्ते तैयार किए हैं, उद्यमिता के लिए जगह बनाई गई, खर्च के इरादों में स्पष्टता आई है और जिन क्षेत्रों से सरकार दूर रहना चाहती है, उनके बारे में चीजों को स्पष्ट किया है।
कुछ घंटे व एक दिन की तेजी को पहले अच्छा संदेश मानते थे
वित्त मंत्री ने कहा कि बजट के बाद पहले यदि बाजार सकारात्मक होता था और कुछ घंटों के लिए ऊपर जाता था, तो इसे अपने आप में एक अच्छा संदेश माना जाता था। बाजार का एक दिन के लिए अच्छा प्रदर्शन अपने आप में एक अच्छा संदेश होता था।
अब मैं समझती हूं कि बाजार के सभी पहलुओं ने बजट को सकारात्मकता के साथ लिया। उन्होंने पूरे सप्ताह इस भावना को बनाए रखा और इसे दर्शाने के लिए केवल 1-2 प्रतिशत की वृद्धि नहीं हुई है। यह 11 प्रतिशत की वृद्धि है। सेंसेक्स और निफ्टी, दोनों इसका संकेत दे रहे हैं।
करदाताओं का भरोसा बढ़ाने के कदम उठाए
सीतारमण ने कहा कि सरकार ने करदाताओं का भरोसा बढ़ाने के कदम उठाए हैं, बेहतर अनुपालन से कर आधार को व्यापक बनाने में मदद मिलेगी। करदाताओं पर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ा है। सरकार अपने करदाताओं पर भरोसा करती है। प्रक्रियाओं को सरल बनाया जा रहा है। यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि हम प्रोत्साहनों के लिए करदाताओं की पीठ पर भार लादने की उम्मीद नहीं कर रहे हैं, बस उनसे थोड़ा-सा बोझ अपने कंधों पर लेने के लिए कहा जा रहा है।
कर आकलन को पुन: खोलने की मियाद घटाई
उन्होंने कहा कि पिछले कर आकलन को फिर से खोलने की अवधि को इस बजट में छह साल से घटाकर तीन साल कर दिया गया, क्योंकि कर विभाग का इरादा नियमित करदाताओं को परेशान करने का नहीं है। इस तरह के कदम से करदाताओं में विश्वास जगाने की कोशिश की जा रही है, ताकि धीरे-धीरे कर आधार बढ़ाया जा सके।
भारतीय रुपया बेहतर एशियाई मुद्राओं में शामिल : ठाकुर
उधर, केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने राज्यसभा में कहा कि भारतीय रुपया 2020 में बेहतर स्थिति में रहने वाली एशियाई मुद्राओं में शामिल रहा।
एक प्रश्न के लिखित जवाब में उन्होंने राज्यसभा को यह जानकारी दी। ठाकुर ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार, वित्त वर्ष 2020-21 में भारतीय रुपये के मूल्य में दो फरवरी 2021 तक 3.53 फीसदी की वृद्धि हुई। अन्य प्रमुख एशियाई देशों की तुलना में अप्रैल-जून 2020 के दौरान भारत ने, कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए बड़ा कठोर लॉकडाउन लागू किया था। कठोर लॉकडाउन के कारण सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में संकुचन हुआ। कठोर लॉकडाउन उपायों के कारण भारत कोविड-19 से होने वाली मौतों की संख्या को काफी कम रखने में समर्थ हो सका। देश में क्रमिक रूप से लॉकडाउन खोले जाने के बाद अर्थव्यवस्था में तेज गिरावट के बाद तेज सुधार हुआ है।
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