दत्तोपंत ठेंगड़ी राष्ट्रीय श्रमिक शिक्षा एवं विकास बोर्ड ने आज नई दिल्ली के विज्ञान भवन में श्री दत्तोपंत ठेंगड़ी की 102वीं जन्म-जयंती मनाई।
श्रम और रोजगार मंत्री श्री भूपेन्द्र यादव कार्यक्रम में मुख्य अतिथि थे। उन्होंने दत्तोपंत ठेंगड़ी की 102वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने श्रमिकों की शिक्षा के क्षेत्र में श्री ठेंगड़ी के योगदान और सार्वजनिक सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की उनकी परिकल्पना को रेखांकित किया। श्री यादव ने डिजिटल साक्षरता पर एक शैक्षणिक विडियो भी जारी किया, जिसे बोर्ड ने तैयार किया है। इसमें बोर्ड के प्रशिक्षण विषयों को जानने के लिये एक क्यूआर कोड भी दिया गया है, जिसे आसानी से प्रयोग किया जा सकता है। श्री यादव ने कार्यक्रम के दौरान ईएसआईसी के मातृत्व लाभ दावेदारी पोर्टल का भी शुभारंभ किया।
इस अवसर पर श्री यादव ने बोर्ड को सुझाव दिया कि वह कृत्रिम बौद्धिकता जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों पर शैक्षिक सामग्री विकसित करे, जिससे श्रमिकों की कुशलता बढ़ाने में सहायता हो। उन्होंनें विभिन्न मंत्रालयों (ग्रामीण विकास, एमएसएमई, कौशल विकास) की समेकित योजनाओं का भी उल्लेख किया, जो असंगठित क्षेत्र के मजदूरों तक लाभों के अंतरण, क्षमता वृद्धि और उनके लिये अवसरों के सृजन से जुड़ी हैं।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि राज्यमंत्री श्री रामेश्वर तेली ने श्रमिकों के विकास में श्री ठेंगड़ी के योगदान का उल्लेख किया और बोर्ड को सुझाव दिया कि वह हर श्रमिक को डिजिटल रूप से साक्षर बनाने के लिये अपनी गतिविधियों को विस्तार दे।
बोर्ड के अध्यक्ष श्री विरजेश उपाध्याय ने श्रमिकों में आदर्शवादी रवैया पैदा करने के महत्त्व को रेखांकित किया, जो श्री दत्तोपंत ठेंगड़ी के दर्शन का प्रमुख सिद्धांत है। उन्होंने कहा कि बोर्ड के प्रशिक्षण कार्यक्रमों का लक्ष्य जागरूक और अनुशासित श्रमबल का निर्माण करना है। बोर्ड चाहता है कि संगठित, असंगठित और ग्रामीण सेक्टर के श्रमिकों में इच्छित व्यावहारिक बदलाव हो सकें।
श्रम और रोजगार मंत्रालय की संयुक्त सचिव सुश्री नंदिता गुप्ता ने अतिथियों का स्वागत किया और बोर्ड के महानिदेशक श्री राहुल भगत ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
दत्तोपंत ठेंगड़ी राष्ट्रीय श्रमिक शिक्षा एवं विकास बोर्ड के विषय में
दत्तोपंत ठेंगड़ी राष्ट्रीय श्रमिक शिक्षा एवं विकास बोर्ड, केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय के अधीन एक स्वायत्तशासी संस्था है। यह सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1860 के अंतर्गत पंजीकृत है। वर्ष 1958 में शुरू हुई श्रमिक शिक्षा योजना हमारे राष्ट्रीय विकास में अति महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती रही है। योजना का उद्देश्य है देश के सामाजिक-आर्थिक विकास में श्रमिकों की सक्रिय भागीदारी के लिये उन्हें जागरूक बनाना। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और इकाई स्तर पर औपचारिक व अनौपचारिक सेक्टरों के श्रमिकों के लिये बोर्ड विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाता है। यह गतिविधि देशभर में फैले 50 क्षेत्रीय और 09 उप-क्षेत्रीय निदेशालयों तथा मुम्बई स्थित भारतीय श्रमिक शिक्षा संस्थान जैसे प्रमुख प्रशिक्षण संस्थानों के जरिये चलाई जाती है।
Comments are closed.