मेरठ
मेरठ में क्रूरता से सौरभ राजपूत की हत्या करने वाली उसकी पत्नी मुस्कान और उसका प्रेमी साहिल शुक्ला जेल में हैं। मुस्कान के बाद अब साहिल ने भी जेल प्रशासन से सरकारी वकील की मांग की है। इस सनसनीखेज हत्याकांड के सामने आने के दोनों के परिवारों ने उनसे पल्ला झाड़ लिया है। मुस्कान के पिता प्रमोद रस्तोगी ने तो यहां तक कहा है कि वह अपनी बेटी से मिलने कभी नहीं जाएंगे। उसके लिए कभी वकील नहीं करेंगे। इतना ही नहीं अपने दामाद को इंसाफ दिलाने के लिए कोर्ट में बेटी के खिलाफ गवाही भी देंगे। अपने माता-पिता के गुस्से से वाकिफ मुस्कान रस्तोगी ने जेल अधीक्षक से मिलकर सरकारी वकील दिलाने की मांग की थी। अब साहिल ने भी ऐसा ही किया है क्योंकि उसे भी लग गया है कि परिवार से उसकी मदद के लिए कोई आगे नहीं आएगा।
सौरभ राजपूत हत्याकांड के बाद मुस्कान के माता-पिता ने खुलकर अपनी बेटी के खिलाफ बयान दिए थे। उनका दावा है कि मुस्कान ने 18 मार्च को जब उन्हें अपने गुनाहों की जानकारी दी तो वे ही उसे लेकर थाने गए और पुलिस के हवाले कर दिया। मुस्कान के माता-पिता उसके लिए फांसी की मांग कर रहे हैं। वे मुस्कान-साहिल के हाथों बेरहमी से कत्ल किए गए अपने दामाद सौरभ राजपूत को अपने बेटे की तरह बता रहे हैं।
उधर, साहिल के पिता नीरज शुक्ला का भी ऑडियो सोशल मीडिया पर सामने आया है। नीरज शुक्ला भी अपने बेटे साहिल शुक्ला से पल्ला झाड़ते दिख रहे हैं। मुस्कान या साहिल से जेल में अब तक कोई मिलने भी नहीं आया है।
जेल अधीक्षक वीरेश राज शर्मा ने मुस्कान के लिए सरकारी वकील की व्यवस्था कराने की बात पहले ही बताई थी। अब साहिल की मांग सामने आने के बाद माना जा रहा है कि जेल प्रशासन दोनों प्रार्थना पत्र जल्द ही कोर्ट को भेजेगा। जेल अधिकारियों के अनुसार यदि कोई बंदी सरकारी वकील की मांग करता है तो यह जेल प्रशासन का कर्तव्य है कि वह न्यायालय के माध्यम से उसे सरकारी वकील उपलब्ध कराए। जाहिर है मुस्कान-साहिल की मांग पर उन्हें भी जल्द ही सरकारी वकील मुहैया करा दिया जाएगा।
एक गलती से खुला सौरभ मर्डर का ड्रम वाला राज
मेरठ के खौफनाक सौरभ हत्याकांड केस में लगातार नए खुलासे हो रहे हैं। इस बीच एक जानकारी यह भी सामने आई है कि मुस्कान और साहिल ने उस ड्रम को हिमाचल से लौटने के बाद फेंकने का प्लान बनाया था, जिसमें उन्होंने शव के 15 टुकड़ों को सीमेंट के साथ मिलाकर भरा था। लेकिन यहीं पर उनसे चूक हो गई। दरअसल जिस नीले ड्रम में सीमेंट के साथ मिलाकर वे सौरभ के शव के टुकड़ों को रख गए थे, वह बहुत भारी हो गया था। मुस्कान और साहिल को इस चीज का शव को छिपाते वक्त अंदाजा नहीं था, लेकिन पूरा ड्रम ही जब सीमेंट से भर गया और उसमें शव के टुकड़े भी थे तो उसका वजन बहुत ज्यादा बढ़ गया। पुलिस की जांच के अनुसार मुस्कान और साहिल ने 3 मार्च की रात को सौरभ को मार डाला था। फिर उसके शव के 15 टुकड़े कर डाले।
इन टुकड़ों को गीले सीमेंट में मिला गया और उसे ड्रम में भर दिया गया। मुस्कान और साहिल इसके बाद दो सप्ताह की हिमाचल ट्रिप पर निकल गए। उनका प्लान था कि लौटने के बाद ड्रम को कहीं फेंक देंगे। दोनों इसी इरादे के साथ 17 मार्च को छुट्टियां मनाकर वापस लौटे। इसके लिए उन्होंने अगले कुछ मजदूरों को बुलाया और कहा कि वे ड्रम को उठाकर कहीं फेंक आएं। उन मजदूरों ने ऐसा करने की कोशिश भी की, लेकिन वजन बहुत ज्यादा होने के चलते उठा नहीं सके। ऐसा करने के दौरान ड्रम का ढक्कर जरूर एक तरफ से खुलने लगा। इसके चलते अंदर बंद शव के सड़े हुए टुकड़ों से बदबू बाहर आने लगी। इस पर मजदूरों को भी संदेह हुआ और वे वहां से चले गए।
अब उस ड्रम को साहिल और मुस्कान के बस का उठाना नहीं था। अंत में मुस्कान अपने मायके चली गई और साहिल अपने कमरे पर निकल गया। मां-बाप के यहां पहुंची मुस्कान ने शुरुआत में सौरभ के मर्डर का जिम्मा उसकी बहन और बहनोई पर डालने की कोशिश की। लेकिन पूरी कहानी में मुस्कान की मां और पिता को झोल नजर आया। उन्होंने उसे खूब झकझोरा तो उसने बता दिया कि साहिल के साथ मिलकर मैंने ही सौरभ को मार डाला है। एक पड़ोसी ने बताया कि साहिल अकसर मुस्कान के यहां आता था। लेकिन उनका यह भी कहना था कि दोनों मिलकर ऐसा कोई कांड करेंगे। इस बात का दूर-दूर तक कोई अंदेशा नहीं था। उन्होंने कहा कि मुस्कान का व्यवहार काफी सही थी। उसके बर्ताव से किसी तरह का कभी संदेह नहीं हुआ।
उन्होंने कहा कि 17 मार्च को मुस्कान को शांत अकेले ही बैठा देखा था। वह कहते हैं कि अब हमें लगता है कि शायद वह सोच रही थी कि कैसे ड्रम को ठिकाने लगाया जाए। मुझे भी किसी ने बताया कि इसके लिए मजदूर बुलाए थे, लेकिन वे ड्रम को उठा ही नहीं पाए। बता दें कि सौरभ और मुस्कान की 2016 में लव मैरिज हुई थी। मुस्कान ने 2019 में एक बेटी पीहू को जन्म दिया था, लेकिन उसके ठीक बाद से ही दोनों के रिश्ते बिगड़ते गए। इसकी वजह साहिल की मुस्कान की जिंदगी में एंट्री थी। फिर यहीं से सौरभ की जिंदगी की मुस्कान छिनती चली गई।