सेंसेक्स 350 अंक लुढ़का, निफ्टी 22,000 के नीचे; ट्रंप की टैरिफ योजना से बाजार में हलचल

शेयर बाजार के शुरुआती कारोबार में सभी 13 प्रमुख सेक्टर नुकसान में रहे, जबकि मिड-कैप और स्मॉल-कैप इंडेक्स में लगभग 1% की गिरावट दर्ज की गई। सोमवार को भी बाजार में मंदी का रुख था, जब सेंसेक्स 112 अंक गिरकर 73,085 पर बंद हुआ था और निफ्टी लगातार नौवें सत्र में गिरावट के साथ 22,119 पर बंद हुआ था।

वैश्विक बाजारों पर ट्रंप के टैरिफ फैसले का असर

डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति के कारण वैश्विक बाजारों में भी भारी बिकवाली देखी गई।

  • जापान का निक्केई 225 इंडेक्स 2.43% गिर गया, जबकि टॉपिक्स इंडेक्स में 1.48% की गिरावट रही।
  • हांगकांग के बाजार भी मंदी के शिकार हुए।
  • वॉल स्ट्रीट में भी भारी गिरावट देखी गई, जहां डॉव जोंस इंडस्ट्रियल एवरेज 649 अंक (1.48%) गिर गया।
  • S&P 500 में 1.76% और NASDAQ कंपोजिट में 2.64% की गिरावट दर्ज की गई।

ट्रंप के टैरिफ से वैश्विक व्यापार पर खतरा

डोनाल्ड ट्रंप ने कनाडा और मैक्सिको से आयातित 918 अरब डॉलर के सामान पर नए टैरिफ लगाने की घोषणा की है। इसके जवाब में, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने अमेरिका से 155 अरब डॉलर के उत्पादों पर जवाबी शुल्क लगाने का ऐलान किया है।

मैक्सिको ने भी अमेरिकी सामान पर प्रत्युत्तर में कर लगाने की योजना बनाई है।

इसके अलावा, ट्रंप ने चीन से आयातित वस्तुओं पर शुल्क को 10% से बढ़ाकर 20% कर दिया है, जिससे बीजिंग ने भी कड़े जवाबी कदम उठाने की चेतावनी दी है।

ट्रंप ने भारत सहित अन्य व्यापारिक भागीदारों पर भी टैरिफ लगाने की धमकी दी है, जिससे वैश्विक आर्थिक स्थिरता को लेकर निवेशकों की चिंताएँ बढ़ गई हैं

भारतीय निवेशकों के लिए चिंता का विषय

विश्लेषकों का मानना है कि वैश्विक व्यापार युद्ध की आशंका से भारतीय बाजारों में अस्थिरता बनी रह सकती है।

  • रुपया कमजोर हो सकता है, जिससे आयात महंगा होगा।
  • आईटी और ऑटोमोबाइल सेक्टर प्रभावित हो सकते हैं, क्योंकि ये अंतरराष्ट्रीय बाजारों पर निर्भर हैं।
  • निवेशकों को निकट भविष्य में सावधानीपूर्वक निवेश करने की सलाह दी जा रही है।

अगर ट्रंप प्रशासन की नीतियाँ और अधिक सख्त होती हैं, तो भारतीय बाजारों को लंबे समय तक दबाव का सामना करना पड़ सकता है

निष्कर्ष

डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति ने अंतरराष्ट्रीय व्यापार और शेयर बाजारों में भारी उथल-पुथल मचा दी है। भारतीय निवेशकों को भी सतर्क रहने की जरूरत है, क्योंकि वैश्विक आर्थिक मंदी और व्यापार युद्ध की संभावना बढ़ गई है। अगले कुछ दिनों में बाजार की चाल इस बात पर निर्भर करेगी कि अमेरिका और अन्य देश आर्थिक मोर्चे पर क्या निर्णय लेते हैं

Leave A Reply

Your email address will not be published.