सिम्बायोसिस विश्वविद्यालय द्वारा आद्योगिक सेमिनार का आयोजन 

“छात्र सतत अभ्यास से कौशल का विकास करें”
 
इंदौर: गुरु पूर्णिमा पर सिम्बायोसिस विश्वविद्यालय इंदौर द्वारा छात्रों एवं उनके अभिभावकों के लिए एक आद्योगिक सेमीनार का आयोजन किया गया।  कार्यक्रम के आरम्भ में सभी वक्ताओं द्वारा गुरुओं के प्रति सम्मान एवं आदर भाव व्यक्त किये गए तथा भारतीय परम्पराओं का अनुकरण करने पर जोड़ दिया गया। इस अवसर पर उद्योग जगत के विशेषज्ञों द्वारा बी बी ए, बी टेक तथा एम् बी ए के बाद कौशल तथा विभिन्न तरह के नौकरियों के अवसरों के महत्ता पर प्रकाश डाला गया। 
अपने उद्बोधन में सिम्बिओसिसि यूनिवर्सिटी ऑफ़ एप्लाइड साइंस के उपकुलपति डॉ मनोज कुमार पांडे ने उपस्थित छात्रों एवं उनके अभिभावकों को विश्वविद्यालय द्वारा कौशल विकास के क्षेत्र में दिए गए सुविधाओं के बारे में बताया और कहा कि किस तरह कौशल पर आधारित शिक्षा सिम्बायोसिस विश्वविद्यालय को अन्य परंपरागत विश्वविद्यालयों की तुलना में एक अलग पहचान दिया है।  उन्होंने छात्रों को विश्वविद्यालय द्वारा सतत आद्योगिक इंटरेक्शन्स के लिए उठाए गए क़दमों के बारे में भी जानकारी दी।  
वर्तमान शिक्षा पद्धति का पूर्व के शिक्षा पद्धति से तुलना करते हुए एवटेक कंपनी के एग्जीक्यूटिव वाईस प्रेजिडेंट श्री राजेंद्र जोशी ने कहा की आज की अपेक्षा पहले विद्यार्थिओं को उद्योग जगत के साथ समागम का कम अवसर प्राप्त होता था और कर्मचारियों को कंपनियों में जाकर सम्बंधित क्षेत्रों को तकनिकी कौशल हासिल करना पड़ता था।  वर्तमान पीढ़ी के छात्र इस मामले में अधिक भाग्यशाली हैं क्योंकि अब उन्हें इस तरह के तकनिकी कौशल को हासिल करने का अवसर सिम्बायोसिस विश्वविद्यालय जैसे संस्थानों में मिल जाता है। उन्होंने कहा कि कौशल का विकास आवश्यक रूप से सतत अभ्यास एवं हाथों के माध्यम से होना चाहिए  . 
 इम्पेटस कंपनी के सीनियर सॉफ्टवेयर इंजीनियर रितेश नीमा ने उद्योग जगत को प्रारंभिक स्तर पर शिक्षा से जोड़ने के लिए सिम्बायोसिस विश्वविद्यालय की सराहना की तथा शिक्षा एवं इंडस्ट्री की जरूरतों के बारे विस्तार से बताया। बहुराष्ट्रीय कंपनी के एफ सी फ़ूड चेन के जनरल मैनेजर श्री हरीश ने रिटेल मैनेजमेंट के मूलभूत सिद्धांतों को जानने की आवश्यकता पर बल दिया। 
आंध्र बैंक के अधिकारी सुश्री स्नेहल ने बी बी ए बैंकिंग के छात्रों को कहा कि वे इस तरह के कौशल को हासिल करें जिससे कि वो किसी भी तरह के बैंकिंग कस्टमर्स के जरूरतों को पूरा कर सकें क्योंकि आजकल बैंकें कार्ड रहित निकासी, मोबाइल बैंकिंग जैसी नई नई वित्तीय सुविधाएं मुहैया करा रही हैं। एवटेक कंपनी के वाईस प्रेजिडेंट (वित्त) श्री चौरसिया ने जी एस टी को समझने तथा उद्योगों पर इसके प्रभाव को समझने की आवश्यकता पर जोड़ दिया। 
उन्होंने कहा कि जी एस टी के लागू होने के पश्चात वित्तीय क्षेत्रों में नई नौकरियों के सृजन की सम्भावनाएँ बढ़ गई  हैं। 
अंत में सिम्बायोसिस विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार श्री निशामूर्थी ने धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम का संचालन डेनिस फिलिप ने किया। 

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