लखनऊ । पश्चिम से पूरब तक पिछले कुछ दिनों के दौरान तबाही मचाने वाला मौसम अभी राहत देने के मूड में नहीं है। अगले दो-तीन दिनों तक इसका मिजाज बिगड़ा ही रहेगा। खासकर पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में। इन क्षेत्रों के कई जिलों के लिए मौसम विभाग ने अलर्ट भी जारी किया है। मौसम केंद्र लखनऊ के प्रभारी निदेशक जेपी गुप्ता के अनुसार अगले 48 घंटों के दौरान पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों के कुछ क्षेत्रों में तेज हवा और गरज के साथ बारिश हो सकती है।
कुछ क्षेत्रों में ओला वृष्टि भी हो सकती है।
मौसम के अप्रत्याशित रवैये से गोरखपुर, बस्ती, मऊ, गाजीपुर, अंबेडकरनगर, संतकबीरनगर, बस्ती, कुशीनगर, महराजगंज, सिद्धार्थनगर, गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती, पीलीभीत, रामपुर, बरेली, बदायूं, अलीगढ़, एटा, महामाया नगर, मथुरा, गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, मुरादाबाद, मेरठ, बिजनौर, मुजफ्फरनगर और बागपत जिले प्रभावित हो सकते हैं। बिहार, उत्तराखंड, दिल्ली और हरियाणा से सटे इलाकों में मौसम अधिक अप्रत्याशित हो सकता है।
भारी बारिश वाले क्षेत्रों में फसलों, फलों और सब्जियों को क्षति
हालांकि अधिकांश क्षेत्रों में गेहूं की फसल कट चुकी है। गन्ना वाले क्षेत्र में जहां देर में बोआई होती है, वहीं पांच से 10 फीसद फसल या तो खेत में खड़ी है या कट कर पड़ी है। दोनों स्थितियों में किसानों को क्षति होगी। गेहूं के दाने काले पड़ जाएंगे। फसल दो-तीन दिन तक पड़ी रही तो जमीन से संपर्क के नाते उनका अंकुरण भी हो सकता है। हरे चारे के लिए यह बारिश उपयोगी है। बारिश से मिली नमी के सहारे किसान खरीफ की तैयारियां भी शुरू कर सकते हैं।
उद्यान विभाग के पूर्व निदेशक डा. एसपी जोशी के अनुसार लता वर्ग की उन सब्जियों को क्षति पहुंचेंगी जहां खेत में पानी लगा हो। आम की फसल भी वहीं प्रभावित होगी जहां फल सीधे हवा के सामने पड़े होंगे। डा.जोशी के अनुसार इस साल आम की फसल ठीक-ठाक है जिन क्षेत्रों में सिर्फ बारिश हुई है वहां फलों के लिए यह ठीक है। बारिश के पानी से धुलने के कारण कीटों और रोगों का बहुत हद तक प्राकृतिक नियंत्रण हो जाता है। पत्ते धुल जाते हैं। इससे पौधों के भोजन बनाने की प्रक्रिया (फोटो सिंथेसिस) के साथ फलों की बढ़वार भी तेज हो जाती है।
किसानों की क्षतिपूर्ति के लिए टोल फ्री नंबर
सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत बीमित किसानों को क्षतिपूर्ति के लिए टोल फ्री नंबर आवंटित किया है। सभी जिलों में संचालित प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत ओलावृष्टि, जलभराव अथवा फसल कटाई के उपरांत (आगामी 14 दिनों तक खेत में रखी फसल को) बेमौसम चक्रवाती वर्षा, चक्रवात से क्षति की स्थिति में बीमित किसानों को आपदा के 48 घंटे के अंदर जिले की बीमा कंपनी के टोल फ्री नंबर पर व्यक्तिगत दावा करना जरूरी है।
अलग-अलग बीमा कंपनियों के लिए जिले आवंटित हैं। हर कंपनी का अलग-अलग टोल फ्री नंबर है। बरेली, भदोही, जालौन, खीरी, कुशीनगर, लखनऊ, महोबा, मैनपुरी, मेरठ, पीलीभीत, सिद्धार्थनगर और सुल्तानपुर के लिए बजाज कंपनी है जिसका टोल फ्री नंबर 18002095858 है। बागपत, बाराबंकी, चित्रकूट, फीरोजाबाद, गौतमबुद्धनगर, गोंडा, हापुड़, झांसी, कौशाम्बी, मुजफ्फरनगर, संतकबीरनगर और श्रावस्ती के लिए न्यू इंडिया कंपनी है, जिसका नंबर 18002091415 है। अलीगढ़, अंबेडकरनगर, बहराइच, बलरामपुर, बस्ती, बुलंदशहर, चंदौली, फैजाबाद, गोरखपुर, कन्नौज, मीरजापुर, सोनभद्र, उन्नाव के लिए रिलायंस कंपनी है, जिसका नंबर 18002700462 है।
आगरा, अमेठी, औरैया, बलिया, बांदा, बिजनौर, देवरिया, फतेहपुर, कानपुर नगर, प्रतापगढ़, सहारनपुर, सम्भल, वाराणसी के लिए एसबीआइ कंपनी है, जिसका नंबर 18001232310 है। इलाहाबाद, अमरोहा, आजमगढ़, इटावा, गाजियाबाद, गाजीपुर, हरदोई, कानपुर देहात, महराजगंज, मथुरा, मुरादाबाद, रामपुर, शाहजहांपुर के लिए टाटा कंपनी ने टोल फ्री 18002667780 नंबर दिया है। बदायूं एटा, फर्रुखाबाद, हमीरपुर, हाथरस, जौनपुर, कासगंज, ललितपुर, मऊ, रायबरेली, शामली, सीतापुर के लिए यूनीवर्सल सोमपो कंपनी ने 180030000088 टोल फ्री नंबर दिया है। सरकारी प्रवक्ता ने कहा है कि बीमित किसान निर्धारित 48 घंटे के भीतर बीमा कंपनी के टोल फ्री नंबर पर अपनी फसल की क्षति की सूचना दे दे ताकि बीमा कंपनी द्वारा प्रभावित क्षेत्रों में सर्वेक्षण कर प्राथमिकता पर क्षतिपूर्ति का आकलन कर भुगतान सुनिश्चित किया जा सके।
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