मोदी सरकार का इमिग्रेशन बिल लोकसभा में हुआ पास: विपक्षी दलों का विरोध और अमित शाह का तगड़ा जवाब

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,29 मार्च।
मोदी सरकार के कई निर्णयों से देश में हलचल मच जाती है और विपक्षी दल हमेशा इन निर्णयों पर बवाल करते हैं। एक बार फिर ऐसा ही हुआ है। लोकसभा में एक ऐसा बिल पास हुआ है, जिसे लेकर विपक्षी पार्टियां बौखलाई हुई हैं। हालांकि, इनकी बौखलाहट को लोकसभा में ही शांत कर दिया गया। जब इन नेताओं के पुराने कारनामे गिनाए गए, तो खासकर टीएमसी के नेता संसद से भागने पर मजबूर हो गए। इस बिल के पास होने और विपक्ष की बेचैनी ने कई सवालों को जन्म दिया। लोकसभा में इमिग्रेशन बिल पर बवाल क्यों मचा? कौन रोक रहा है बांग्लादेश कार्ड? यह पर सवाल गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में कहे, जिनके जवाबों से सियासी तापमान बढ़ गया और विपक्षी दलों की बेचैनी भी बढ़ गई।
संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण जारी है और इसके बीच लोकसभा में इमिग्रेशन बिल पारित हो गया, जिसका लक्ष्य अवैध घुसपैठ और इन्फिल्ट्रेशन रोकना है। गृह मंत्री ने कहा कि भारत अब दुनिया के प्रमुख स्थानों में से एक के रूप में उभर रहा है, और देश एक मैन्युफैक्चरिंग हब बन रहा है। ऐसे में विदेश से लोग यहां आ सकते हैं। इमिग्रेशन सिर्फ एक अलग-थलग समस्या नहीं है, बल्कि यह कई अन्य समस्याओं से सीधे या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़ा हुआ है। “यह जानना कि कौन देश में आ रहा है, कब आ रहा है और कितने समय तक रह रहा है, यह देश की सुरक्षा के लिए जरूरी है,” गृह मंत्री ने कहा। उन्होंने यह भी बताया कि यह कोई नया विचार नहीं है। विभिन्न कानूनों के तहत कई वर्षों से डेटा इकट्ठा किया गया था और अब इसे एक जगह पर लाने का प्रयास किया गया है। इस बिल के पारित होने के बाद, इमिग्रेशन प्रक्रिया को अपडेट और स्ट्रीमलाइन किया जाएगा। इसके तहत भारत में आने वाले सभी विदेशी नागरिकों का रिकॉर्ड रखा जाएगा।

इमिग्रेशन बिल का विरोध विपक्षी दलों ने किया है। उनका कहना है कि सरकार असहमतियों को सहन नहीं करती और यह बिल द्वारा वह अपनी आवाज दबाना चाहती है। विपक्ष ने खामियों की जाँच करते हुए बिल को संसदीय समिति के पास भेजने की मांग की। इसके ऊपर मंत्री नित्यानंद राय ने विपक्ष की शिकायतें बेमानी कहीं और दावा किया कि केंद्र सरकार को इस मामले पर कानून लाने का पूरा अधिकार है। उन्होंने कहा कि इस बिल का मकसद राष्ट्रीय सुरक्षा बढ़ाना, इमिग्रेशन प्रक्रियाओं का नियंत्रण करना और विदेशियों द्वारा शर्तों का उल्लंघन करने पर कार्रवाई करना है

इस बिल के तहत, अगर कोई विदेशी नागरिक वीजा की शर्तों का उल्लंघन करता है या प्रतिबंधित क्षेत्रों में अवैध प्रवेश करता है, तो उस पर ₹3,00,000 तक का जुर्माना और 3 साल की सजा हो सकती है। इसके अलावा, यात्रा एजेंटों पर भी ₹5,00,000 तक का जुर्माना लगाया जाएगा, अगर वे अवैध घुसपैठियों को भारत में प्रवेश कराने में मदद करते हैं।

गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में बांग्लादेश सीमा पर फेंसिंग के मुद्दे पर जवाब दिया। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद वहां से कई लोग भारत में घुसने की कोशिश कर रहे हैं, और सरकार सीमा पर फेंसिंग का काम कर रही है। हालांकि, कुछ जगहों पर यह काम रुक गया है। शाह ने बताया कि पश्चिम बंगाल सरकार, जो ममता बनर्जी के नेतृत्व में है, कुछ जगहों पर फेंसिंग के लिए ज़मीन नहीं दे रही है। शाह ने कहा कि यही कारण है कि काम में देरी हो रही है।

गृह मंत्री अमित शाह ने इस पर भी आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल सरकार घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। शाह ने यह कहा, “अगर बंगाल सरकार जमीन दे, तो हम सीमा पर फेंसिंग का काम पूरा कर सकते हैं और इस समस्या को हल कर सकते हैं.” शाह ने इस पर भी आरोप लगाया कि ममता बनर्जी बांग्लादेशी घुसपैठियों को भारतीय नागरिकता और आधार कार्ड देने में सहायता प्रदान करती हैं, जिससे ये व्यक्ति चुनावों में वोट कर सकते हैं और अन्य लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
दिल्ली में पुलिस ने छह बांग्लादेशी घुसपैठियों को गिरफ्तार किया, जिन्होंने अपनी पहचान छिपाने के लिए ट्रांसजेंडर महिलाओं के रूप में आ गए थे। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इन घुसपैरों के पास मोबाइल फोन थे, जिनमें प्रतिबंधित ऐप्लिकेशन इंस्टॉल थे, जो बांग्लादेश में उनके परिवारों से संपर्क करने के लिए प्रयोग हो रहे थे। इन्हें आगे की कार्रवाई के लिए विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (FRRO) के पास सौंप दिया गया है। यह गिरफ्तारी हुआ करती है जहां देशभर में सुरक्षा और घुसपैठ के मुद्दे पर चिंता बढ़ गई है।

इमिग्रेशन बिल के पास आने के बाद, यह देश की सुरक्षा और अवैध घुसपैठियों के खिलाफ एक बड़ा कदम साबित हो सकता है। हालांकि, विपक्ष इसे गलत तरीके से पेश कर रहा है और इसे सत्ता की आवाज दबाने के प्रयास के रूप में देख रहा है। इस बिल से सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के साथ-साथ देश की संप्रभुता की रक्षा भी सुनिश्चित होगी।

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