भारत को मिला अपना सुरक्षित वेब ब्राउज़र, आत्मनिर्भर डिजिटल युग की ओर बड़ा कदम

वर्ल्ड हैप्पीनेस डे के मौके पर, भारत सरकार ने अपने नागरिकों को सुरक्षित और इनोवेटिव डिजिटल समाधान देने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। भारत का आईटी सेक्टर आज 282 बिलियन डॉलर से अधिक के राजस्व के साथ दुनिया में एक मजबूत पहचान बना चुका है। अब सरकार का ध्यान स्वदेशी सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर उत्पादों के निर्माण पर केंद्रित है। इसी दिशा में, मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड आईटी (MeitY) ने आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत एक महत्वाकांक्षी चुनौती का आयोजन किया, जिसका उद्देश्य एक स्वदेशी वेब ब्राउज़र विकसित करना था।

MeitY द्वारा आयोजित इस प्रतियोगिता में जबरदस्त प्रतिस्पर्धा देखने को मिली। इस चैलेंज को सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग (C-DAC), बैंगलोर ने संचालित किया।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 20 मार्च 2025 को प्रतियोगिता के विजेताओं की घोषणा करते हुए कहा कि प्रतिभागियों ने अभूतपूर्व नवाचार, रचनात्मकता और विशेषज्ञता का प्रदर्शन किया है।

पहला स्थान: टीम ज़ोहो₹1 करोड़
दूसरा स्थान: टीम पिंग₹75 लाख
तीसरा स्थान: टीम अज्ञा₹50 लाख

इसके अलावा, Jio Vishwakarma टीम को बहु-प्लेटफ़ॉर्म डिज़ाइन के लिए विशेष सराहना मिली।

ब्राउज़र इंटरनेट का प्रवेशद्वार होता है, जिससे वेब सर्फिंग, ईमेल, ई-ऑफिस और ऑनलाइन लेनदेन किए जाते हैं। भारत के इस स्वदेशी वेब ब्राउज़र के कई महत्वपूर्ण लाभ होंगे:

डाटा सुरक्षा: भारतीय नागरिकों का डेटा केवल भारत में ही संग्रहीत होगा
गोपनीयता: ब्राउज़र भारत के डेटा प्रोटेक्शन एक्ट के अनुरूप होगा।
डिजिटल संप्रभुता: भारतीय उपयोगकर्ताओं की संवेदनशील जानकारी पर देश का पूर्ण नियंत्रण रहेगा।
सभी प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्धता: ब्राउज़र iOS, Windows और Android पर कार्य करेगा।

मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अपने संबोधन में कहा कि भारत अब आईटी सेवाओं के निर्यातक से आगे बढ़कर तकनीकी नवाचारों का निर्माता बनने की दिशा में अग्रसर है। उन्होंने स्टार्टअप्स और इंडस्ट्री को सुरक्षित और स्केलेबल टेक्नोलॉजी विकसित करने के लिए प्रेरित किया ताकि देश डिजिटल आत्मनिर्भरता की नई ऊंचाइयों को छू सके।

IWBDC तीन चरणों—आइडिएशन, प्रोटोटाइप और प्रोडक्टाइजेशन—में आयोजित किया गया। प्रतियोगिता में 434 टीमों ने भाग लिया, जिनमें से 8 टीमें फाइनल में पहुंची। एक विशेषज्ञ जूरी पैनल ने इन ब्राउज़रों का मूल्यांकन किया।

ब्राउज़र में ट्रस्ट स्टोर, डिजिटल साइनिंग, चाइल्ड-फ्रेंडली ब्राउज़िंग, पेरेंटल कंट्रोल, भारतीय भाषाओं का समर्थन, Web3 सपोर्ट और आधुनिक ब्राउज़र क्षमताओं जैसी विशेषताओं को शामिल किया गया।

सरकार का अगला लक्ष्य एक पूर्ण भारतीय डिजिटल स्टैक विकसित करना है, जिससे भारत तकनीकी रूप से आत्मनिर्भर बन सके। MeitY सचिव एस. कृष्णन ने इस अवसर पर स्वदेशी ब्राउज़र के महत्व को रेखांकित किया।

भारत सरकार द्वारा विकसित किया जा रहा स्वदेशी वेब ब्राउज़र देश की डिजिटल स्वतंत्रता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह परियोजना देश के छोटे शहरों और स्टार्टअप्स को वैश्विक मंच पर आगे बढ़ाने का एक बड़ा अवसर भी प्रदान करेगी। इस ऐतिहासिक पहल से भारत का डिजिटल भविष्य और अधिक सुरक्षित और आत्मनिर्भर बनने की ओर अग्रसर है।

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