नई दिल्ली । ट्यूनीशिया की टीम रुस में होने जा रहे फीफा विश्व कप फुटबॉल टीम रूस में पहली जीत दर्ज करने के इरादे से उतरेगी। टीम को आज तक विश्व कप में एक मैच में भी जीत नहीं मिली है। ट्यूनीशिया ने 1978 में पहली बार विश्व कप में हिस्सा लिया था, जहां टीम ने एक मैच जीता था। इसके बाद 1998, 2002 और 2006 में टूर्नामेंट में हिस्सा लिया, लेकिन कभी भी ग्रुप चरण से आगे नहीं बढ़ पाई। ट्यूनीशिया 1978 के बाद से अब तक टूर्नामेंट में एक भी मैच नहीं जीत पाई है। ट्यूनीशिया को बेल्जियम, पनामा और इंग्लैंड के साथ ग्रुप जी में रखा गया है। टूर्नामेंट में टीम को अपना पहला मुकाबला 18 जून को इंग्लैंड के खिलाफ खेलना है।
कोच नाबील मालौल के मार्गदर्शन में 12 साल बाद विश्व कप के लिए क्वालिफाई करने वाली ट्यूनीशिया क्वालिफिकेशन दौर में अपने ग्रुप में शीर्ष पर रही थी। टीम ने कोंगो के खिलाफ 2-2 का ड्रॉ खेलकर क्वालीफाई किया है। पूर्व मिडफील्डर मालौल ने टीम निर्माण में काफी मदद की है। इससे उसके प्रशंसकों के अंदर नया आत्मविश्वास आया है और उन्हें उम्मीद है कि वे 40 साल बाद कम से कम एक मैच तो जीत ही सकते हैं। ट्यूनीशिया की सबसे बड़ी कमजोरी टीम में किसी स्टार खिलाड़ी का न होना है, जो टीम की जीत का नेतृत्व कर सके।
मिडफील्डर यूसीफ मसाकनी और ट्यूनीशिया लीग के सर्वोच्च स्कोरर ताहा यासिन खेनिसी के न होने से टीम को झटका लगा है। डिफेंडर सियाम बेन यूसीफ से टीम को काफी उम्मीदें होंगी।
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