पाहलगाम हमले के बाद बड़ा एक्शन: दो मुख्य संदिग्धों के घर जमींदोज, दो पाकिस्तानी आतंकियों की तलाश तेज

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नई दिल्ली। पिछले मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के बाइसारन घाटी में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद सुरक्षाबलों ने देर रात बड़ा एक्शन लिया है। लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े दो मुख्य संदिग्धों — आदिल हुसैन ठोकर और आसिफ शेख — के घरों को ध्वस्त कर दिया गया है। ये दोनों आतंकी उस नृशंस हमले से जुड़े हुए हैं जिसमें 26 लोगों की जान गई थी, जिनमें 25 भारतीय नागरिक और एक नेपाली पर्यटक शामिल थे।

सुरक्षा सूत्रों के अनुसार, आदिल हुसैन ठोकर अनंतनाग जिले का रहने वाला है जबकि आसिफ शेख पुलवामा का निवासी है। दोनों पर आरोप है कि इन्होंने बाइसारन — जिसे “मिनी स्विट्जरलैंड” के नाम से जाना जाता है — में हुए खूनी हमले की साजिश रची थी। कार्रवाई के दौरान दोनों के घरों से विस्फोटक बरामद हुए, जिन्हें बाद में निष्क्रिय कर सुरक्षाबलों ने पूरे घर को विस्फोट से उड़ा दिया।

इसी के साथ, अनंतनाग पुलिस ने दो और संदिग्ध आतंकियों के स्केच जारी किए हैं। इन दोनों की पहचान हाशिम मूसा उर्फ सुलेमान और अली भाई उर्फ तल्हा भाई के रूप में हुई है। दोनों पाकिस्तान के नागरिक बताए जा रहे हैं और लश्कर-ए-तैयबा के नेटवर्क से जुड़े हैं। पुलिस ने इनकी गिरफ्तारी के लिए ₹20 लाख का इनाम घोषित किया है।

इस हमले को हाल के वर्षों में नागरिकों को निशाना बनाकर किए गए सबसे घातक आतंकी हमलों में गिना जा रहा है। भीड़-भाड़ वाले पर्यटन स्थल पर हुई इस साजिश ने पूरे देश को झकझोर दिया है। सुरक्षाबलों ने कश्मीर घाटी में तलाशी अभियान तेज कर दिया है और अन्य सहयोगियों की तलाश भी जारी है।

पुलिस और खुफिया एजेंसियां अब इस बात की गहन जांच कर रही हैं कि क्या हमले की पूरी साजिश पाकिस्तान में रची गई थी और क्या बांग्लादेश से भी कोई लिंक जुड़ता है। शुरुआती जांच में लश्कर-ए-तैयबा की विदेशी इकाई के सक्रिय होने के संकेत मिले हैं।

घर ध्वस्तीकरण की इस कार्रवाई को सुरक्षा एजेंसियों ने एक सख्त संदेश के तौर पर पेश किया है — कि भारत की धरती पर निर्दोष नागरिकों के खून की कोई माफी नहीं है।

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