मुंबई,
बॉलीवुड के जानेमाने फिल्मकार अनिल शर्मा का कहना है कि उनकी फिल्म वनवास पारिवारिक मूल्यों और युवा पीढ़ी की जिम्मेदारियों को छूती है। अनिल शर्मा इन दिनों अपनी फिल्म वनवास को लेकर चर्चा में हैं। अनिल शर्मा के निर्देशन में बनी फिल्म वनवास हाल ही में रिलीज हुयी है। इस फिल्म में नाना पाटेकर, उत्कर्ष शर्मा और सिमरत कौर ने अहम भूमिका निभायी है। फिल्म वनवास आज ज़ी सिनेमा पर प्रीमियर हो रही है।
अनिल शर्मा ने फिल्म वनवास की चर्चा करते हुये कहा, फिल्म वनवास एक धार्मिक सभा में माता-पिता को छोड़े जाने के बारे में बात करता है। इस साल भी, महाकुंभ में हम ऐसी ही घटनाएँ सुन रहे हैं। यह नहीं होनी चाहिए। यह हो रहा है और यह मुझे बहुत प्रभावित कर रहा है। इतना बड़ा महाकुंभ का पर्व हुआ और लोगों ने इतनी घटिया हरकतें की जो सही नहीं है। कहते हैं ना संसार में कहीं भगवान है जीते जगते तो वह माता पिता ही है। वनवास के जरिये हमने यह कहने की कोशिश की है कि माता-पिता जब बुर्जुग हो जाते हैं तो वनवासी की तरह रह घर में रह जाते हैं। उनका ख्याल रखना चाहिये। यह बेहद आवश्यक है।
अनिल शर्मा ने कहा, फिल्म वनवास पारिवारिक मूल्यों और युवा पीढ़ी की जिम्मेदारियों को छूती है। माता पिता का करम है बच्चों को पालना और बच्चों का धर्म है माता पिता को संभालना बस इतनी सी बात है। कम से कम हम अपने माता पिता को गले लगाये। ये तो हम कर ही सकते हैं ना, क्योंकि माता-पिता से ज्यादा कीमती कुछ भी नहीं। इसी वैल्यू को हमने ख्याल रखना है। हमें उनकी वैल्यू करनी चाहिए क्योंकि एक दिन हम भी माता-पिता बनेंगे, उस दिन हमें पता लगेगा कि उन्होंने हमारे लिए कितना दुख लम्हा सहा होगा।