नई दिल्ली 29 अप्रैल 2025: कश्मीर में पिछले हफ्ते हुए आतंकी हमले के बाद बढ़ गया है। दुनिया भर में कई बड़े संकट चल रहे हैं, इसलिए इस खतरे पर अंतरराष्ट्रीय ध्यान कम है।
भारत अब पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई का आधार तैयार करता दिख रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमले के बाद अब तक दर्जन भर से ज्यादा देशों के नेताओं से बात की है।
दिल्ली में 100 देशों के राजनयिकों को विदेश मंत्रालय में बुलाकर जानकारी दी गई। लेकिन भारत का मकसद तनाव कम करना नहीं, बल्कि पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाने के लिए दुनिया को तैयार करना लगता है।
मोदी ने साफ कहा है कि आतंक के ठिकाने नष्ट किए जाएंगे और हमले का बदला लिया जाएगा। सीमा पर दोनों देशों के बीच हल्की गोलीबारी भी हो रही है। कश्मीर में भारतीय सुरक्षाबलों ने सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है और सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
भारत-पाक में सैन्य कार्रवाई से हालात बिगड़ सकते हैं
भारत ने पाकिस्तान जाने वाली नदियों के पानी को रोकने की भी चेतावनी दी है। पाकिस्तान के राजनयिकों को देश छोड़ने का आदेश दिया है। पाकिस्तान ने भी जवाबी कदम उठाते हुए भारत के साथ कुछ संधियों से अलग होने की बात कही है।
भारत और पाकिस्तान दोनों के पास परमाणु हथियार हैं, इसलिए किसी भी सैन्य कार्रवाई से हालात तेजी से बिगड़ सकते हैं। लेकिन इस बार भारत पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बहुत कम है, और भारत ने हाल के वर्षों में अपनी आर्थिक और कूटनीतिक ताकत बढ़ने के साथ पहले से ज्यादा आक्रामक रुख अपनाया है।
ईरान और सऊदी अरब ने दोनों देशों से बातचीत की है, संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय संघ ने शांति की अपील की है, लेकिन अमेरिका जैसे बड़े देश दूसरी समस्याओं में उलझे हैं। भारत इसे अपने पक्ष में मान रहा है।
एक्सपर्ट बोले- सैन्य कार्रवाई के अलावा विकल्प नहीं
डोनाल्ड ट्रम्प की सरकार ने भी भारत के आतंकवाद के खिलाफ कदमों का समर्थन किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि 2019 की तरह भारत कोई बड़ा जवाबी हमला कर सकता है।
उस वक्त भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ एयरस्ट्राइक की थी। अब माना जा रहा है कि भारत इस बार कुछ अलग करने की योजना बना रहा है।
पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन का कहना है कि मोदी सरकार के पास अब सैन्य कार्रवाई करने के अलावा ज्यादा विकल्प नहीं बचे हैं, क्योंकि वह पहले भी 2016 और 2019 में ऐसा कर चुकी है।
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