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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,27 मार्च। संस्कृत, जिसे भारतीय संस्कृति और प्राचीन ज्ञान का आधार माना जाता है, आज पश्चिमी देशों में तेजी से लोकप्रिय हो रही है। अमेरिका, जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन जैसे देशों में विश्वविद्यालयों और शोध संस्थानों में संस्कृत पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। वहीं, भारत, जो इस भाषा की जन्मभूमि है, में संस्कृत को अभी भी उपेक्षित किया जाता रहा है। यह विरोधाभास भारतीय शिक्षा नीति और समाज की मानसिकता पर सवाल खड़ा करता है।
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