नई दिल्ली,10 फरवरी। नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने अमेरिका, साउथ कोरिया और जापान को एक बार फिर चेतावनी दी है।
नॉर्थ कोरिया की सरकारी न्यूज एजेंसी KCNA के मुताबिक शनिवार को एक कार्यक्रम में बोलते हुए किम ने इन तीनों देशों के सिक्योरिटी अलायंस को खतरा बताया है। किम ने इस अलायंस की तुलना नाटो से की।
किम ने चेतावनी देते हुए अपने परमाणु कार्यक्रमों को और मजबूत करने की बात कही है।
शनिवार को कोरियन पीपुल्स आर्मी (KPA) की 77वीं वर्षगांठ के मौके पर दिए भाषण में किम ने कहा कि अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया का सुरक्षा गठबंधन कोरिया प्रायद्वीप में सैन्य असंतुलन पैदा कर रहा है। ये हमारे राज्य की सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती है।
बीते सालों में तेजी से बढ़ा है नॉर्थ कोरिया का महत्व
एक्सपर्ट्स के मुताबिक बीते कुछ सालों में नॉर्थ कोरिया का महत्व तेजी से बढ़ा है। नॉर्थ कोरिया न्यूक्लियर हथियार और हाइपरसोनिक मिसाइल जैसी टेक्निक पर तेजी से काम कर रहा है। ऐसे में भारत का प्योंगयोग में मौजूद रहना जरूरी है।
जापान के हटने के बाद 2 हिस्सों में बंटा था कोरिया
कोरिया एक पेनिनसुला है यानी 3 तरफ समुद्र से घिरा और एक तरफ मेनलैंड से जुड़ा टापू। यहां 1904 तक कोरियाई साम्राज्य का शासन था। इस पर कब्जे के लिए 1904-05 में जापान और चीन के बीच भीषण युद्ध हुआ। जापान ने जीत दर्ज की और कोरिया पर कब्जा जमा लिया। 1945 में सेकेंड वर्ल्ड वॉर में हार के बाद जापान को कोरिया छोड़ना पड़ा।
जापान के हटते ही कोरिया को दो हिस्सों में बांट दिया गया। 38 पैरलल लाइन को बंटवारे की लकीर मान लिया गया। उत्तरी हिस्से में सोवियत सेना और दक्षिणी हिस्से में संयुक्त राष्ट्र की सेना लगाई गई।
नॉर्थ कोरिया में कोरियाई कम्युनिस्टों के नेतृत्व में कोरियाई लोक जनवादी गणराज्य की सरकार बनी। साउथ में लोकतांत्रिक तरीके से नेता सिंगमन री के नेतृत्व में सरकार बनी। नॉर्थ का झुकाव कम्युनिस्ट विचारधारा की तरफ था, जबकि साउथ पूंजीवादी देशों की तरफ झुकाव वाला था। यहीं से विवाद शुरू हुआ।
नॉर्थ कोरिया ने 25 जून 1950 को 38 पैरलल लाइन पार कर साउथ कोरिया पर हमला कर दिया। 3 साल तक चली जंग के बाद नॉर्थ और साउथ कोरिया ने 1953 में युद्धविराम पर साइन किए। एक बार फिर से सीमा वही 38 पैरलल तय हुई जो जंग से पहले थी।