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नई दिल्ली 12 अप्रैल 2025 : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कांग्रेस नेताओं से जुड़ी संपत्तियों को जब्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। ईडी ने शनिवार को बताया कि ”उसने नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी से संबंधित कंपनी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) की 700 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति को अपने कब्जे में लेने की कार्रवाई शुरू कर दी है। यह मामला AJL के अधिग्रहण से जुड़ी वित्तीय अनियमितताओं और धन के दुरुपयोग के आरोपों से संबंधित है, जो कभी नेशनल हेराल्ड अखबार का प्रकाशन करता था।
शुक्रवार, 11 अप्रैल को, केंद्रीय जांच एजेंसी ने दिल्ली, मुंबई और लखनऊ में कुछ प्रमुख संपत्तियों के संपत्ति रजिस्ट्रारों को नोटिस भेजे। इनमें राष्ट्रीय राजधानी के बहादुर शाह जफर मार्ग पर स्थित प्रतिष्ठित हेराल्ड हाउस भी शामिल है। यहां एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) की संपत्तियां हैं, जिसे यंग इंडियन लिमिटेड (YIL) ने अधिग्रहित किया है, और YIL कंपनी सोनिया और राहुल गांधी के स्वामित्व वाली कंपनी है।
नवंबर 2023 में, ईडी ने दिल्ली, मुंबई और लखनऊ में 661 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों के साथ-साथ 90.2 करोड़ रुपये के AJL शेयरों को अस्थायी रूप से जब्त कर लिया था। हाल ही में, जब एक न्यायाधिकरण ने 10 अप्रैल को संपत्तियों की पहले की अनंतिम कुर्की की पुष्टि की, तब ED की वर्तमान कार्यवाही की शुरुआत हुई।
हालांकि, शुरुआती शिकायत दर्ज कराने वाले कोई और नहीं बल्कि भाजपा के जाने-माने नेता सुब्रमण्यम स्वामी थे। उन्होंने आरोप लगाया कि यंग इंडियन ने 2,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्तियों पर नियंत्रण पाने के लिए AJL की संपत्तियों को “दुर्भावनापूर्ण तरीके” से अपने कब्जे में ले लिया।
कानूनी चुनौतियों के बावजूद, दिल्ली हाईकोर्ट और सर्वोच्च अदालत दोनों ने जांच को आगे बढ़ाने की अनुमति दी है। इस जांच के दौरान, ईडी ने कई जगहों पर तलाशी और जब्ती की, और वित्तीय अनियमितताओं के संकेत देने वाले दस्तावेजों को उजागर करने का दावा किया। ईडी के मुताबिक, यह जब्ती जांच के बाद की गई है। इस जांच में AJL की संपत्तियों से जुड़े 988 करोड़ रुपये की आय के मनी लॉन्ड्रिंग का पता चला है।
एजेंसी के मुताबिक, AJL-YIL ने कथित तौर पर फर्जी दान, अग्रिम किराया और विज्ञापनों के जरिए करोड़ों रुपये का अवैध धन इकट्ठा किया। अधिकारियों का कहना है कि इस नए कदम का मकसद दूषित संपत्तियों के लगातार उपयोग, खपत और आगे के उत्पादन को रोकना है।
नेशनल हेराल्ड मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ताजा कार्रवाई कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका मानी जा रही है। 700 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियों को जब्त करने की प्रक्रिया से यह साफ संकेत मिलता है कि एजेंसी इस मामले को लेकर गंभीर है और वह इसे निष्कर्ष तक ले जाना चाहती है। सोनिया गांधी और राहुल गांधी से जुड़ी यंग इंडियन लिमिटेड और एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड के माध्यम से कथित वित्तीय अनियमितताओं ने इस केस को राजनीतिक और कानूनी दोनों मोर्चों पर संवेदनशील बना दिया है। भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की शिकायत के आधार पर शुरू हुई यह जाँच अब निर्णायक मोड़ पर है। दिल्ली हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट की अनुमति के बाद ईडी को कानूनी रूप से मजबूती भी मिली है। एजेंसी का दावा है कि उसने मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित स्पष्ट साक्ष्य जुटा लिए हैं। इस घटनाक्रम का असर न केवल कांग्रेस की छवि पर पड़ेगा, बल्कि इसके राजनीतिक निहितार्थ भी गहरे हो सकते हैं।
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