दिल्ली में साइबर सुरक्षा और साइबर अपराध पर अहम बैठक की अध्यक्षता करेंगे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह
नई दिल्ली,12 फरवरी। केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज गृह मंत्रालय की संसदीय सलाहकार समिति की बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक का मुख्य विषय “साइबर सुरक्षा और साइबर अपराध” था। बैठक में गृह राज्य मंत्री श्री नित्यानंद राय, श्री बांदी संजय कुमार, समिति के सदस्य, केंद्रीय गृह सचिव और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
डिजिटल युग में साइबर सुरक्षा की आवश्यकता
बैठक को संबोधित करते हुए गृह मंत्री श्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत में एक “डिजिटल क्रांति” देखी जा रही है। लेकिन इसके साथ ही साइबर हमलों और अपराधों में भी वृद्धि हो रही है। उन्होंने कहा कि साइबर सुरक्षा की चुनौतियों का सामना करने के लिए हमें इसके विस्तार और प्रभाव को गहराई से समझना होगा।
गृह मंत्री ने बताया कि भारत में 95% गांव डिजिटल रूप से जुड़े हुए हैं और एक लाख ग्राम पंचायतों में वाई-फाई हॉटस्पॉट लगाए गए हैं। 2024 में देश में कुल 246 ट्रिलियन डिजिटल ट्रांजेक्शन हुए, जिनकी कुल कीमत ₹17.221 लाख करोड़ थी। उन्होंने यह भी बताया कि दुनिया के 48% डिजिटल ट्रांजेक्शन भारत में हो रहे हैं।
साइबर अपराध से निपटने के लिए मोदी सरकार की चार स्तरीय रणनीति
श्री अमित शाह ने बताया कि मोदी सरकार साइबर अपराधों से निपटने के लिए एक चार-स्तरीय रणनीति पर काम कर रही है, जिसमें शामिल हैं:
- संविलयन (Convergence) – विभिन्न सरकारी एजेंसियों के बीच समन्वय।
- समन्वय (Coordination) – साइबर अपराध की रोकथाम के लिए एकीकृत दृष्टिकोण।
- संवाद (Communication) – साइबर सुरक्षा पर जागरूकता फैलाने के प्रयास।
- क्षमता निर्माण (Capacity Building) – साइबर अपराध से निपटने के लिए संसाधनों और मानव संसाधन का विकास।
साइबर अपराध की रोकथाम के लिए जागरूकता जरूरी
गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘STOP-THINK-TAKE ACTION’ मंत्र को जन-जन तक पहुंचाना जरूरी है। उन्होंने साइबर हेल्पलाइन 1930 को और अधिक प्रचारित करने का आग्रह किया, जिससे नागरिक साइबर धोखाधड़ी की तुरंत रिपोर्ट कर सकें और उचित कार्रवाई हो सके।
श्री शाह ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के माध्यम से ‘म्यूल अकाउंट्स’ (फर्जी बैंक खाते) को ऑपरेशनल होने से पहले ही ट्रैक कर उन्हें बंद किया जाएगा। इस कार्य में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और अन्य बैंकों के साथ मिलकर एक मजबूत सिस्टम तैयार किया जा रहा है।
साइबर अपराध पर सरकार की ठोस कार्रवाई
गृह मंत्री ने बताया कि अब तक:
- I4C पोर्टल पर 1.43 लाख से अधिक FIR दर्ज की जा चुकी हैं।
- 19 करोड़ से अधिक नागरिकों ने इस पोर्टल का उपयोग किया है।
- राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों से 805 मोबाइल ऐप और 3,266 वेबसाइट लिंक ब्लॉक किए गए हैं।
- 399 बैंक और वित्तीय संस्थान इस पहल में शामिल हुए हैं।
- 6 लाख से अधिक संदिग्ध डेटा बिंदुओं की जांच की गई है।
- 19 लाख म्यूल अकाउंट पकड़े गए हैं और ₹2,038 करोड़ के संदिग्ध लेन-देन को रोका गया है।
इसके अलावा, 33 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में साइबर क्राइम फॉरेंसिक प्रशिक्षण लैब स्थापित की गई हैं। ‘CyTrain’ प्लेटफॉर्म पर 1,01,561 पुलिस अधिकारियों ने साइबर सुरक्षा के कोर्स में रजिस्ट्रेशन कराया है और 78,000 से अधिक प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं।
निष्कर्ष
बैठक में उपस्थित संसदीय सलाहकार समिति के सदस्यों ने साइबर सुरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण सुझाव दिए और सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की। गृह मंत्री अमित शाह ने स्पष्ट किया कि सरकार साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए पूरी प्रतिबद्धता से काम कर रही है और डिजिटल इंडिया के तहत भारत को एक साइबर-सुरक्षित राष्ट्र बनाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है।