कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,4 मार्च। दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध (Trade War) एक बार फिर तेज हो गया है। इस बार चीन ने जवाबी कार्रवाई करते हुए न सिर्फ अमेरिकी उत्पादों पर भारी टैरिफ (कर) लगा दिया है, बल्कि 25 प्रमुख अमेरिकी कंपनियों पर प्रतिबंध भी लगा दिया है। इस फैसले के बाद वैश्विक बाजारों में हलचल बढ़ गई है, और निवेशकों के बीच अनिश्चितता का माहौल बन गया है।
क्यों भड़का यह ट्रेड वॉर?
इस व्यापार युद्ध की शुरुआत अमेरिका की ओर से हुई, जब बाइडेन प्रशासन ने चीन के तकनीकी और औद्योगिक उत्पादों पर नए टैरिफ लगा दिए। इसके जवाब में चीन ने भी अमेरिका को आर्थिक झटका देने का फैसला किया।
विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका लगातार चीन की आर्थिक और तकनीकी प्रगति को रोकने की कोशिश कर रहा है। हाल ही में अमेरिका ने सेमीकंडक्टर, इलेक्ट्रॉनिक्स, ग्रीन एनर्जी और सौर पैनलों से जुड़े उत्पादों पर सख्त नियम लागू किए, जिससे चीन की अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक असर पड़ा। इसके बाद चीन ने भी पलटवार किया।
चीन ने किन अमेरिकी कंपनियों पर बैन लगाया?
चीन ने Apple, Intel, Tesla, Qualcomm, Boeing, Micron और NVIDIA जैसी 25 प्रमुख अमेरिकी कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। अब इन कंपनियों को चीन में व्यापार करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा।
विशेषज्ञों का कहना है कि चीन ने खासतौर पर टेक और ऑटोमोबाइल सेक्टर को निशाना बनाया है, क्योंकि यही वे उद्योग हैं जिन पर अमेरिकी अर्थव्यवस्था काफी हद तक निर्भर है।
किन अमेरिकी उत्पादों पर लगाया टैरिफ?
चीन ने अमेरिका से आयात होने वाले कई महत्वपूर्ण उत्पादों पर 20% से 40% तक का टैरिफ लगा दिया है। इनमें शामिल हैं:
सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक चिप्स
गाड़ियों और ऑटोमोबाइल पार्ट्स
कृषि उत्पाद जैसे सोयाबीन और मक्का
हवाई जहाज और रक्षा से जुड़े उपकरण
यह टैरिफ अमेरिकी कंपनियों के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है, क्योंकि चीन उनके लिए एक बड़ा उपभोक्ता बाजार है।
इसका ग्लोबल इकॉनमी पर क्या असर पड़ेगा?
वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता: इस व्यापार युद्ध से शेयर बाजारों में भारी गिरावट देखने को मिल सकती है, जिससे निवेशकों को नुकसान हो सकता है।
महंगाई बढ़ने की आशंका: अमेरिका और चीन दोनों ही कई आवश्यक वस्तुओं का उत्पादन करते हैं। इन प्रतिबंधों के चलते उत्पादों की कीमतें बढ़ सकती हैं।
टेक इंडस्ट्री को झटका: Apple, Tesla, और NVIDIA जैसी कंपनियां चीन में बड़ी मात्रा में प्रोडक्ट बेचती हैं। चीन में बैन लगने से इन्हें करोड़ों डॉलर का नुकसान हो सकता है।
नई रणनीतियां: दोनों देश अब नए व्यापारिक साझेदारों की तलाश करेंगे। अमेरिका भारत, वियतनाम और इंडोनेशिया जैसे देशों की ओर रुख कर सकता है, जबकि चीन रूस और अफ्रीकी देशों पर ज्यादा ध्यान केंद्रित कर सकता है।
क्या होगा आगे?
यह देखना दिलचस्प होगा कि अमेरिका इस कदम का क्या जवाब देता है। अगर अमेरिका चीन पर और सख्त प्रतिबंध लगाता है, तो यह व्यापार युद्ध और भी गंभीर रूप ले सकता है। इससे पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था प्रभावित हो सकती है, खासकर भारत, यूरोप और अन्य एशियाई देशों पर इसका असर दिख सकता है।
फिलहाल, दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। अब यह देखने वाली बात होगी कि क्या दोनों देश कोई समझौता करेंगे या फिर यह ट्रेड वॉर और भड़क जाएगा!
कृपया इस पोस्ट को साझा करें!