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वॉशिंगटन, 19 अप्रैल 2025: डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की एक सख्त नीति के बाद अमेरिका में अध्ययनरत अंतरराष्ट्रीय छात्रों के वीज़ा रद्द किए जा रहे हैं, और इनमें आधे छात्र भारत के हैं। यह ड्रामाई दावा अमेरिका की प्रतिष्ठित संस्था अमेरिकन इमिग्रेशन लॉयर्स एसोसिएशन (AILA) ने किया है।
AILA के मुताबिक, उन्हें वकीलों, छात्रों और यूनिवर्सिटी अधिकारियों से 327 मामलों की जानकारी मिली है, जिनमें छात्रों के वीज़ा रद्द किए गए और उनके SEVIS (स्टूडेंट एंड एक्सचेंज विज़िटर इंफॉर्मेशन सिस्टम) रिकॉर्ड समाप्त कर दिए गए। इनमें से लगभग 164 छात्र भारतीय हैं, जबकि 14% छात्र चीन से हैं। अन्य प्रभावित देशों में नेपाल, बांग्लादेश और दक्षिण कोरिया शामिल हैं।
यह कार्रवाई ट्रंप प्रशासन की “सख्त इमिग्रेशन नीति” का हिस्सा बताई जा रही है, जिसे राष्ट्रीय सुरक्षा और क़ानून व्यवस्था के नाम पर लागू किया जा रहा है।
AILA ने आगाह किया है कि ऐसी “अंधाधुंध कार्रवाई” से अमेरिका में अध्ययनरत छात्रों की शिक्षा, करियर और भविष्य प्रभावित हो सकते हैं। संस्था ने कहा, “SEVIS टर्मिनेशन के मामलों में पारदर्शिता और जवाबदेही ज़रूरी है। छात्रों को यह अधिकार मिलना चाहिए कि वे इन फ़ैसलों के खिलाफ अपील कर सकें, बिना किसी रोजगार गैप या विश्वविद्यालय की निर्भरता के।”
इस मामले ने अब कानूनी रूप भी अपना लिया है। मैसाचुसेट्स, पेन्सिल्वेनिया, मोंटाना, विस्कॉन्सिन और वॉशिंगटन डीसी जैसे राज्यों में कोर्ट ने आव्रजन अधिकारियों को छात्रों पर कार्रवाई से रोका है।
ऐसा ही एक मामला भारत के कृष इशरदासानी का है, जो यूनिवर्सिटी ऑफ विस्कॉन्सिन-मैडिसन में पढ़ते हैं। नवंबर में एक मामूली झगड़े के समय उन्हें “डिसऑर्डरली कंडक्ट” में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन जिला अटॉर्नी ने मामला आगे नहीं बढ़ाया। इसके बावजूद 4 अप्रैल को विश्वविद्यालय ने उनका SEVIS रिकॉर्ड रद्द कर दिया। इस पर अदालत ने कहा कि सरकार की यह कार्रवाई “संभावित रूप से अवैध” है।
भारत में भी इतने मुद्दे पर कठोर प्रतिक्रिया देखी जा रही है। कई नेताओं ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर से भारतीय छात्रों को राहत दिलाने के लिए अमेरिका सरकार से इस मामले को उठाने की मांग की है।
इसी क्रम में, अमेरिका में पत्रकारों के लिए भी एक नए खतरे की चेतावनी जारी की गई है। प्रेस स्वतंत्रता के लिए काम करने वाली संगठन कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स (CPJ)ने पत्रकारों को अमेरिका की यात्रा के समय सावधान रहने की सलाह दी है, क्योंकि ट्रंप प्रशासन 40 से अधिक देशों के नागरिकों की एंट्री पर नई सीमाएं लगाने की योजना बना रहा है।
यह विकासक्रम अमेरिकी शिक्षा व्यवस्था और उसकी अंतर्राष्ट्रीय ख्याति पर गंभीर प्रश्न खड़ा करता है।
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