ट्रंप के लिए सबसे बड़ी कानूनी बाधा अमेरिका के संविधान का 22वां संशोधन है। 1951 में अपनाए गए इस संशोधन का उद्देश्य राष्ट्रपति को दो कार्यकाल तक सीमित करना था। इसमें स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है: “कोई भी व्यक्ति राष्ट्रपति पद के लिए दो बार से अधिक नहीं चुना जाएगा।” यह संशोधन राष्ट्रपति फ्रैंकलिन डी. रूजवेल्ट के चार कार्यकाल के रिकॉर्ड के बाद लाया गया था, क्योंकि इससे कार्यकारी शाखा में शक्ति के केंद्रीकरण की आशंका उत्पन्न हुई थी। रूजवेल्ट की 1945 में मृत्यु के बाद, इस बात पर व्यापक सहमति बनी कि इतना लंबा राष्ट्रपति कार्यकाल देश के लोकतांत्रिक आदर्शों के लिए हानिकारक हो सकता है।
हालांकि, ट्रंप के हालिया बयान इस ओर इशारा करते हैं कि वे इस संवैधानिक प्रतिबंध को अंतिम सत्य के रूप में स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं। NBC न्यूज के साथ अपने साक्षात्कार में, ट्रंप ने स्पष्ट रूप से कहा कि वे उन संभावनाओं को तलाशने के प्रति “गंभीर” हैं, जो उन्हें तीसरे कार्यकाल के लिए दौड़ में शामिल होने की अनुमति दे सकती हैं। जबकि 22वां संशोधन अपने उद्देश्य में काफी स्पष्ट लगता है, ट्रंप की घोषणा के बाद अटकलें तेज हो गई हैं कि क्या इस पर कानूनी चुनौतियाँ पेश की जा सकती हैं या फिर संविधान में संशोधन का प्रयास किया जा सकता है।
22वां संशोधन अमेरिकी संविधान में राष्ट्रपति पद से संबंधित सबसे स्पष्ट प्रावधानों में से एक है। यह विशेष रूप से रूजवेल्ट के चार कार्यकालों के बाद लागू किया गया था, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भविष्य में कोई भी राष्ट्रपति लंबे समय तक सत्ता में न रहे। इस संशोधन में एक और महत्वपूर्ण प्रावधान है, जिसके अनुसार यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य राष्ट्रपति की मृत्यु या इस्तीफे के कारण कार्यकाल के बीच में राष्ट्रपति बनता है और उसने दो साल से अधिक समय तक सेवा दी है, तो उसे केवल एक और कार्यकाल के लिए ही चुने जाने की अनुमति होगी।
ट्रंप के लिए, 22वां संशोधन एक स्पष्ट बाधा है। उन्होंने पहले ही एक पूरा कार्यकाल पूरा कर लिया है, इसलिए संविधान के वर्तमान प्रावधानों के अनुसार, यदि वे 2024 का चुनाव हारते हैं या जीतते हैं और दूसरा कार्यकाल पूरा कर लेते हैं, तो वे इसके बाद तीसरी बार राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव नहीं लड़ सकते। हालांकि, ट्रंप का तर्क यह है कि इस संशोधन को कानूनी तरीकों से दरकिनार किया जा सकता है—शायद इसकी व्याख्या को चुनौती देकर या इसे पूरी तरह से समाप्त करने का प्रयास करके।
कानूनी माध्यमों से 22वें संशोधन को दरकिनार करने की ट्रंप की संभावनाएँ संदेहास्पद हैं, लेकिन असंभव नहीं। कानूनी विशेषज्ञ इस पर विभाजित हैं कि क्या इसमें कोई ऐसा कानूनी रास्ता है, जिससे ट्रंप तीसरी बार राष्ट्रपति पद के लिए दावा कर सकते हैं। ट्रंप का अतीत बताता है कि वे कानूनी और राजनीतिक मुद्दों को निपटाने के लिए असामान्य तरीके अपनाते रहे हैं, और यह बताया गया है कि उनके वकील विभिन्न विकल्पों पर विचार कर रहे हैं।
ट्रंप के लिए एक संभावित तरीका 22वें संशोधन की पुनर्व्याख्या हो सकता है। उदाहरण के लिए, कुछ कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप यह तर्क दे सकते हैं कि यह संशोधन केवल उन व्यक्तियों पर लागू होता है, जो दो पूर्ण कार्यकाल के लिए चुने गए हैं। चूँकि ट्रंप को केवल एक पूर्ण कार्यकाल के लिए ही चुना गया था, वे यह दावा कर सकते हैं कि वे एक और कार्यकाल के हकदार हैं। हालांकि, यह तर्क काफी कठिन होगा, क्योंकि संशोधन की भाषा को आम तौर पर इस रूप में समझा जाता है कि यह किसी भी व्यक्ति को दो कार्यकाल से अधिक सेवा करने से रोकता है।
दूसरा विकल्प यह हो सकता है कि ट्रंप संविधान में एक नया संशोधन लाने का प्रयास करें, जिससे 22वें संशोधन को पूरी तरह रद्द कर दिया जाए। लेकिन यह एक बहुत ही कठिन राजनीतिक प्रक्रिया होगी, जिसे वर्तमान समय की राजनीतिक स्थिति में समर्थन मिलना मुश्किल है। किसी भी संवैधानिक संशोधन को लागू करने के लिए कांग्रेस के दोनों सदनों में दो-तिहाई बहुमत और फिर तीन-चौथाई राज्यों की मंजूरी की आवश्यकता होती है। वर्तमान राजनीतिक माहौल में, ऐसा कोई समर्थन मिलना बहुत ही कठिन लगता है।
ट्रंप के तीसरे कार्यकाल को लेकर की गई टिप्पणियाँ अमेरिकी राजनीतिक परंपराओं और सिद्धांतों के व्यापक संदर्भ में भी महत्वपूर्ण हैं। अमेरिका में सत्ता के शांतिपूर्ण हस्तांतरण और संवैधानिक रूप से निर्धारित राष्ट्रपति कार्यकाल सीमा का पालन करने की एक लंबी परंपरा रही है। हालांकि ट्रंप एक बेहद विवादास्पद राष्ट्रपति रहे हैं, लेकिन अमेरिकी लोकतंत्र के बुनियादी सिद्धांतों को कमजोर करना केवल उनके राजनीतिक करियर के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए दूरगामी प्रभाव डाल सकता है।
इसके अलावा, 22वें संशोधन को चुनौती देने या उसे दरकिनार करने का कोई भी प्रयास राष्ट्रपति कार्यकाल की सीमाओं और कार्यकारी शाखा में शक्ति के संकेंद्रण को लेकर एक राष्ट्रीय बहस को जन्म देगा। अमेरिका के संविधान निर्माताओं ने एक लंबे समय तक सत्ता में बने रहने वाले शक्तिशाली राष्ट्रपति के खतरों को ध्यान में रखते हुए संविधान तैयार किया था। 22वें संशोधन को इसी जोखिम को कम करने के लिए लागू किया गया था, ताकि कोई भी व्यक्ति बहुत लंबे समय तक राष्ट्रपति पद पर न बना रहे और लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूती दी जा सके।
हालांकि वर्तमान संविधान के अनुसार ट्रंप का तीसरा कार्यकाल असंभव लगता है, लेकिन उनके बयान ने इस विषय पर फिर से चर्चा को हवा दे दी है। चाहे ट्रंप 22वें संशोधन को पलटने में सफल हों या नहीं, यह स्पष्ट है कि वे अभी भी अमेरिका की राजनीति में एक प्रभावशाली शक्ति बने रहना चाहते हैं और राजनीतिक घटनाक्रमों में सबसे आगे रहने की इच्छा रखते हैं।
जैसे-जैसे 2024 का चुनाव नजदीक आ रहा है, ट्रंप की राजनीतिक और कानूनी रणनीतियों पर गहरी नजर रखी जाएगी। उनके तीसरे कार्यकाल की संभावनाओं को लेकर दिया गया बयान सिर्फ एक राजनीतिक स्टंट नहीं, बल्कि उनके अमेरिकी राजनीति को पुनर्गठित करने की व्यापक महत्वाकांक्षा का संकेत हो सकता है। क्या वे संवैधानिक बाधा को पार कर पाएंगे, या फिर यह चर्चा मात्र एक कल्पना बनकर रह जाएगी—यह सवाल उनके समर्थकों और विरोधियों दोनों को चिंतन करने पर मजबूर कर रहा है।
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