नई दिल्ली। केन्द्र ने जम्मू कश्मीर में 19 दिसंबर को राज्यपाल शासन के छह माह पूरे हो जाने के बाद राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की है। अधिकारियों ने कहा कि जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक के राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की सिफारिश वाली रिपोर्ट केन्द्र सरकार को भेजने के बाद यह फैसला किया गया। एक अधिकारी ने कहा कि केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने जम्मू कश्मीर में 19 दिसंबर से राष्ट्रपति शासन लागू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। राज्यपाल कार्यालय ने इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्रालय को एक पत्र भेजा है जिसने प्रस्ताव को मंजूरी के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल को भेजा।
एक अन्य अधिकारी ने कहा कि अब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद एक उद्घोषणा जारी करेंगे। इस उद्घोषणा के अनुसार राज्य विधानमंडल की शक्तियां संसद या संसद के प्राधिकार द्वारा इस्तेमाल की जाएंगी। विधानसभा में पच्चीस सदस्यों वाली बीजेपी द्वारा समर्थन वापसी के बाद जून में महबूबा मुफ्ती सरकार अल्पमत में आने के बाद गिर गई थी। उसके बाद राज्य राजनीतिक संकट में फंस गया था।
दरअसल ऐसे मामलों में राज्य का अलग संविधान होने के कारण उसके (जम्मू कश्मीर संविधान के) अनुच्छेद 92 के तहत छह माह का राज्यपाल शासन अनिवार्य है जिसके तहत सभी विधायी शक्तियां राज्यपाल के पास आ जाती हैं। राज्यपाल को छह महीने पूरे होने के बाद विधानसभा को भंग करना होता है और फिर राज्य अगले छह महीने के लिए राष्ट्रपति शासन के अधीन आता है जिस दौरान राज्य में चुनाव की घोषणा करनी होती है। यदि चुनाव की घोषणा नहीं की जाती है तो राष्ट्रपति शासन को अगले छह महीने के लिए बढ़ाया जा सकता है।
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