चंडीगढ़। हरियाणा के विकास और सरकारी योजनाओं के संचालन में बड़े औद्योगिक घरानों का भी सहयोग लिया जाएगा। व्यापारिक घरानों की सामाजिक जिम्मेदारी योजना (सीएसआर) के तहत राज्य में 21 ऐसी बड़ी कंपनियों को चिह्नित किया जाएगा, जिनसे विभिन्न विकास योजनाओं के संचालन में आर्थिक मदद ली जा सकेगी। इन कंपनियों को अपने लाभ को दो फीसद राज्य की विकास योजनाओं के लिए देना होगा।
विभिन्न योजनाओं के लिए एक हजार करोड़ का कारोबार करने वाली 21 कंपनियों की ली जाएगी मदद
बता दें कि महाराष्ट्र और गुजरात में इस योजना के तहत काफी बदलाव का दावा किया जा रहा है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई बैठक में राज्य के 21 सीनियर अधिकारियों को इस संबंध में जिम्मेदारी सौंपी गई है। वे कारपोरेट सोशल रिस्पांसिबिल्टी (सीएसआर) योजना के तहत संबंधित कंपनियों की पहचान कर उनसे संपर्क स्थापित करेंगे।
योजना के तहत निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की 21 शीर्ष कंपनियों की पहचान की जाएगी। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से विभाग अनुसार कार्यों की सूची भी तैयार करने के लिए कहा है, जिनके लिए सीएसआर निधि की मदद ली जा सकती है।
सीएसआर योजना के तहत कंपनियों को अपने लाभ का दो फीसद समाज के लिए खर्च करना होगा। अधिकतम खर्च की इच्छा कंपनी पर निर्भर करेगी। राजनीतिक दलों को दिया जाने वाला चंदा, कंपनी के खुद के कर्मचारियों और परिजनों के लिए खर्च राशि को सीएसआर के दायरे में नहीं आएगी। न्यूनतम 500 करोड़ रुपये की नेटवर्क वाली कंपनियां या न्यूनतम एक हजार करोड़ रुपये का कारोबार या कम से कम पांच करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाने वाली कंपनियों पर सीएसआर नियम लागू होंगे।
कौशल विकास, कन्या कोष और गांवों के विकास पर फोकस
अधिकारियों द्वारा चयनित कंपनियों के प्रतिनिधियों और संचालकों की बैठक 31 जनवरी से पहले सीएम के साथ होगी। इन कंपनियों से अनुरोध किया जाएगा कि वे अपने सीएसआर फंड को खर्च करने के लिए प्राथमिकताएं निर्धारित करें। राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न कौशल विकास कार्यक्रम, कन्या कोष निधि, स्व प्रेरित आदर्श ग्राम योजना, पैतृक गांवों का विकास और अन्य सामाजिक गतिविधियों में इस कोष का इस्तेमाल होगा।
बैैंकों को भी निभाना होगा सामाजिक उत्तरदायित्व
इसके अलावा मुख्यमंत्री ने बैंकों से भी राज्य में विभिन्न विकास गतिविधियां चलाने पर सीएसआर कोष खर्च करने का अनुरोध किया है। बैठक में मुख्य सचिव डीएस ढेसी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, हैफेड के चेयरमैन हरविंद्र कल्याण, पूर्व सीपीएस सीमा त्रिखा और डा. कमल गुप्ता तथा वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पी राघवेंद्र राव समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
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