यह एक सर्व-सामान्य समस्या है, जिसमें हमारे बालों में छोटे-छोटे सफेद से छिलके बालों में हो जाते हैं, थोड़े तो सामान्यतया हर किसी के होते हैं, पर जब ये बढ़ जाते हैं तो बड़ी समस्या हो जाती हैं, तब ये बालों के साथ-साथ सिर की त्वचा को भी प्रभावित करते हैं, तो वहां तेज खुजली के साथ हल्की सूजन आ जाती है। इसके साथ ही यह रूसी चेहरे पर जैसे भौहें पलके, ठुड्डी के ऊपर, कान के पीछे, नथुनों के बगल में जमा होकर सेबोरिक डर्मेस्टिटिस का रूप ले लेती है और बार-बार सर खुजलाने की वजह असहनीय खुजली होती है।
कारणः रूसी का प्रमुख कारण पिटारोस्पोरम ओवाली/मेलासीजिया फरफर नामक कवक जो हमारे शरीर पर सामान्यतया उपस्थित होता है। सामान्यतया यह किसी तरह की कोई बीमारी पैदा नहीं करता, पर जब यह बढ़ जाता है, तब ये सारी समस्याएं प्रारंभ होती हैं। है निवारण : उपचार इन चीजों को ध्यान में रखकर किया जाता
1-रूसी का उपचार।
2-सेबोरिक डमेंस्टिटिस का उपचार।
रूसी के उपचार के लिए कवक रोधी अर्थात् एंटीफंगल शैपू बहुत उपयोगी होते हैं, जिनमें सेलीनियम सल्फाइड, आकॉलेन, सेलसन आदि नामों से मिलते हैं। इनको नहाने के पांच मिनट पहले बाल गीले कर लगायें और पांच मिनट बाद बाल धो लें। चाहें तो इसके बाद कडीशनर का उपयोग भी किया जा सकता है। तुरंत बाल धोने पर वांछित असर नहीं होता है। यह सब आप प्रारंभ के 5-7 दिन प्रतिदिन और उसके बाद सप्ताह में दो दिन करें, जब तक कि यह नियंत्रण में नहीं आ जाता है। चूंकि कारण हमारे शरीर पर ही उपस्थित है, तो ये कल्पना कि किसी भी उपचार से यह हमेशा के लिए समाप्त हो जायेगी गलत है, इसलिए ये भी समझ लें कि जब यह समस्या होती है तो मात्र उपरोक्त उपचार करने से बड़े आराम से ये सब नियंत्रित किया जा सकता है। और जब यह ठीक रहे तो फिर सामान्य शैपू काम लिया जा सकता है। डर्मेटाइटिस के उपचार के लिए शुरू के दस-पांच दिन कोई हल्का स्टीरॉयड लोशन जैसे डाइप्रोवेट, देशोवेन लगाया जा सकता है, पर इसे ज्यादा न लगायें। लेकिन ध्यान रखें कि यह सब आपकी सामान्य जानकारी के लिये है। डाक्टर से अवश्य परामर्श लें।
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