भोपाल
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने कहा कि आज कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार द्वारा पुन: चरित्र हनन का और झूठ का झुनझुना बजाने का कुत्सित प्रयास किया गया। यह हास्यास्पद और आत्मल विरोधाभासी है कि जो उमंग सिंघार स्वयं विभिन्न अरोपों से घिरे हो वह आज दूसरों पर आरोप लगा रहे है।
मैं याद दिला दूं कि यह वही उमंग सिंघार है जो 15 महीने की कमलनाथ सरकार के दौरान अपने ही मंत्रालय में खरीद, फरोख, ट्रांसफर, पोस्टिंग जैसे अनेकों मामलों में करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। यह वही उमंग सिंघार है जब झारखंड के प्रभारी सचिव बने तो उन पर टिकट बेचने के आरोप लगाए गए थे और यह जो आरोप स्वयं कांग्रेसियों ने लगाये थे। इसके बाद राहुल गांधी ने एक जांच भी की जिसमें ऐसा बताया जाता है कि आरोप इन पर सिद्ध हुए। यह वही उमंग सिंघार है जो कभी अपने ही पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को शराब माफिया, रेत माफिया, ब्लैकमेलर बताते थे और आज उनके साथ ही मंच साझा करते हैं। वैसे मैं निजी टिप्पणियां करने में विश्वास नहीं रखता पर उमंग सिंघार को याद रहे कि उन पर विभिन्न महिलाओं ने समय-समय पर बहुत गंभीर आरोप लगाए हैं।
एक महिला ने तो उनके स्वयं निज निवास में आत्महत्या की थी, यह समझना होगा कि वह कितनी प्रताड़ित रही होगी। कई महिलाओं ने उन पर और आरोप लगाए और आज सिर्फ सुर्खियां बटोरने के लिए ऐसे उमंग सिंघार जी दूसरों पर आरोप लगाते है तो मुझे वह शेर याद आता है कि – चेहरे पर नकाब और लहजे में बदजुबानी लिए फिरते हैं, ”जिनके खुद के बही-खाते बिगडे हों, वो दूसरों का हिसाब लिए फिरते हैं।”
कांग्रेस की अगर मैं बात करूं तो कांग्रेस भ्रष्टाचार का पर्याय है, पर्यायवाची है। सी फॉर कांग्रेस – सी फॉर करप्शन और कांग्रेस के प्रथम परिवार की जो जितने जी हैं ”राहुल जी, सोनिया जी, प्रियंका जी और जीजा जी” यह सभी विभिन्न गंभीर भ्रष्टाचार के मामलों में या तो अदालत से जमानत पर रिहा है। या रोज ईडी और ईओडब्यूं के चक्कर लगाते हैं । ऐसी कांग्रेस आज भारतीय जनता पार्टी को जिसकी जीरो टॉलरेंस की पॉलिसी है, उसे भ्रष्टाचार रोकने का पाठ पढ़ा रही है। कांग्रेस को याद रहे कि इस समय देश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भाजपा की सरकार है और प्रदेश में डॉक्टर मोहन यादव जी के नेतृत्व में भाजपा की ही सरकार है और यह जितनी एजेंसी कार्रवाई कर रही है यह भारतीय जनता पार्टी की जो जीरो टॉलरेंस की पॉलिसी है उसके आधार पर ही कर रही हैं। कांग्रेस को तो आज डर है कि जो कमलनाथ सरकार के समय भ्रष्टाचार होता था यह कहीं जांच कांग्रेस तक नहीं पहुंचे, अगर कांग्रेसियों के पास सही में कोई आरोप और तथ्यग और तर्क है तो मैं बताना चाहता हॅू कि जांच ऐजींसियों को सौंपना चाहिए। कांग्रेसियों के पास इतने बडे नेता हैं जो वकील हैं वह अदालत का भी दरवाजा खटखटा सकते हैं। पर सिर्फ और सिर्फ राजनीतिक शिगूफाबाजी के लिए सुर्खिया बटोरने के लिए उमंग सिंघार और जीतू पटवारी जैसे नेता आपस में ही लड़े हुए है। कोई कभी बाइट देता है और कोई कभी पत्रकार वार्ता करता है और उसमें नया कुछ नहीं होता। मैं बताना चाहता हूं कि दोनों जांच एजेंसियां बहुत गंभीरता से जितने भी भ्रष्टाचार के विषय है उस पर कार्रवाई कर रही है। किसी व्यक्ति को भारतीय जनता पार्टी की सरकार के समय नहीं छोड़ा जाएगा पर कांग्रेसी इस तरह की सस्ती लोकप्रियता से बचने का प्रयास करें।
यह देश बाबा साहब के संविधान से चलता है। कांग्रेस के प्रथम परिवार के निवास से लिखी हुई किसी किताब से नहीं। इसलिए संविधान में जो जांच एजेंसियां है, जो न्याय प्रक्रिया है कांग्रेस अगर कुछ उसमें सौंपना चाहती है तो सौंपे, नहीं तो स्वयं अपने आप को सुर्खियों में लाने के लिए जो बयान-बाजी की जा रही है यह निंदनीय है। मैं पुनः बताना चाहता हूं जीरो टॉलरेंस की नीति पर सरकार चल रही है। किसी को नहीं रोका जाएगा। अब कांग्रेस के द्वारा जो आरोप लगाए गए है। मैं सिर्फ एक छोटी सी बात से बताता हूं की कितनी आत्म विरोधाभासी आरोप कांग्रेस लगाती है। कांग्रेस ने जो दस्तावेज दिया है उसमें एक जो नाम आ रहा है वह स्वयं कांग्रेस के एक नेता का है । हास्यास्पद है की उमंग सिंघार ही उस पर आरोप लगा रहे हैं। तो यह कांग्रेस को बताना चाहिए कि जो कमलेश बघेल है उनका कांग्रेस से क्या नाता है, वह किस गुट से आते हैं। बैर निकालने के लिए आज उमंग सिंघार उनका नाम ले रहे हैं। जो तथ्यहीन, तर्कहीन और कुटरचित तथ्य और तर्कों के साथ आज उमंग सिंघार की पत्रकार-वार्ता सिर्फ और सिर्फ सुनियोजित षड्यंत्र है इसके अलावा और कुछ नहीं।