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उत्तर कोरिया जल्द ही अमेरिका की मुख्य भूमि तक पहुंचने में सक्षम अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलों (आईसीबीएम) का निर्माण शुरू कर सकता है। अमेरिका के एक शीर्ष सैन्य कमांडर ने शुक्रवार को यह चेतावनी दी। जनरल ग्रेगरी गुइलोट ने सीनेट सशस्त्र सेवा समिति से कथित तौर पर कहा कि उत्तर कोरिया पूरे उत्तरी अमेरिका में अपने लक्ष्यों पर परमाणु बम गिरा सकता है। गुइलोट अमेरिकी उत्तरी कमान और उत्तरी अमेरिकी एयरोस्पेस रक्षा कमान के प्रमुख हैं।
समिति के समक्ष लिखित गवाही में गिलोट ने पिछले अक्टूबर में ह्वासोंग-19 (एचएस-19) आईसीबीएम के प्रारंभिक उड़ान परीक्षण का विवरण दिया। इसके बारे में विश्लेषकों का मानना है कि यह अधिक लम्बे समय तक और ज्यादा ऊंचाई पर उड़ान भर सकती है। यह बयान खासा अहम है क्योंकि डोनाल्ड्र ट्रंप पिछली बार प्योंयांग को लेकर काफी सकारात्मक बातें कर चुके हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 23 जनवरी को कहा कि वे किम जोंग उन से फिर से संपर्क करेंगे। उन्होंने उत्तर कोरियाई नेता को ‘स्मार्ट शख्स’ बताया जिनसे वह तीन बार पहले मिल चुके हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एक इंटरव्यू में जब ट्रंप से पूछा गया कि क्या वह किम से दोबारा संपर्क करेंगे, तो उन्होंने जवाब दिया: “हां, मैं करूंगा। वह मुझे पसंद करते हैं।”
इससे पहले वाशिंगटन में अपने शपथ ग्रहण समारोह के तुरंत बाद संवाददाताओं बातचीत के दौरान उत्तर कोरिया को ‘परमाणु शक्ति’ बताया। वह यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा कि उनके और उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग-उन के बीच ‘बहुत अच्छा तालमेल है।’ हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और जापानी प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा ने 7 फरवरी को उत्तर कोरिया के पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण के प्रति अपनी ‘दृढ़’ प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
आमने-सामने की शिखर वार्ता के बाद ट्रंप और इशिबा ने एक संयुक्त बयान जारी किया। दोनों पक्षों ने दक्षिण कोरिया के साथ त्रिपक्षीय सहयोग के महत्व को रेखांकित किया। संयुक्त बयान में कहा गया, “दोनों नेताओं ने डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया (डीपीआरके) के परमाणु और मिसाइल कार्यक्रमों पर अपनी गंभीर चिंता व्यक्त की और डीपीआरके के पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण के प्रति अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता की पुष्टि की।” डीपीआरके उत्तर कोरिया के आधिकारिक नाम का संक्षिप्त रूप है।