उत्तराखंड में सनसनीखेज खुलासा: पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान और जाँच पड़ताल ने बढ़ाई सुरक्षा एजेंसियों की हलचल!

देहरादून, आज — उत्तराखंड की शांत वादियों में इन दिनों कुछ ऐसा घट रहा है, जिसने सुरक्षा एजेंसियों को चौकन्ना और सतर्क कर दिया है। खबर है कि पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान और सत्यापन की प्रक्रिया को लेकर सरकार ने राज्यभर में बड़ी और तेज़ कार्रवाई शुरू कर दी है। पहाड़ों के बीच अब सिर्फ सैर-सपाटा नहीं, जांच की गूंज भी सुनाई दे रही है।

सूत्रों के मुताबिक, उत्तराखंड के कई जिलों — विशेषकर ऊधमसिंह नगर, हरिद्वार, देहरादून और नैनीताल — में हाल ही में उन व्यक्तियों की गतिविधियों पर नज़र रखी जा रही है जिनकी नागरिकता संदिग्ध पाई गई है। कुछ मामलों में पाकिस्तानी पासपोर्ट से भारत आए लोग, समय रहते वापस नहीं लौटे और यहां की जनसंख्या में गुपचुप तरीके से घुलमिल गए।

सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि कुछ पाकिस्तानी नागरिक फर्जी दस्तावेज़ों, शादी के नाम पर नागरिकता, या काम की तलाश में भारत में रह रहे हैं। कई मामलों में तो इन लोगों ने आधार, राशन कार्ड और यहां तक कि मतदाता पहचान पत्र भी बनवा लिए हैं।

अब इन्हीं दस्तावेज़ों की क्रॉस-वेरिफिकेशन प्रक्रिया को तेज़ कर दिया गया है। गृह विभाग और खुफिया एजेंसियां मिलकर यह सुनिश्चित कर रही हैं कि कोई भी संदिग्ध तत्व राज्य की शांति और सुरक्षा में सेंध न लगा सके।

उत्तराखंड सरकार ने स्थानीय प्रशासन को आदेश जारी किया है कि वह:

  • हर जिले में संदिग्ध नागरिकों की सूची तैयार करें

  • सभी विदेशी नागरिकों के दस्तावेजों की दोबारा समीक्षा करें

  • पुलिस, खुफिया एजेंसियों और ग्रामीण मुखियों के साथ समन्वय स्थापित करें

  • कानूनी रूप से अपात्र नागरिकों को डिपोर्ट करने की प्रक्रिया तेज करें

यह कदम केवल उत्तराखंड के लिए नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए एक चेतावनी और नज़ीर है। देश की सीमाएं सिर्फ सीमावर्ती इलाकों से नहीं, अब आंतरिक घुसपैठ से भी खतरे में हैं।

  • क्या ये सिर्फ अवैध नागरिक हैं या कोई सोची-समझी घुसपैठ की साजिश?

  • क्या हमारी प्रणाली इतनी लचीली है कि फर्जी दस्तावेज़ बनाना अब आसान हो गया है?

उत्तराखंड में तेज़ होती यह कार्रवाई एक स्पष्ट संदेश है —

“भारत की धरती पर कोई भी संदिग्ध नागरिक अब गुमनाम नहीं रह पाएगा। पहचान होगी, जाँच होगी और सच्चाई सामने लाई जाएगी।”

Comments are closed.