आपकी ‘कुंडली‘ बताती है आपका ‘भाग्य‘: एकता कपूर
आपकी ‘कुंडली‘ बताती है कि आप किससे मिलेंगे… और जो आप अपनी कुंडली के साथ करते हैं उससे ही तय होता है आपका ‘भाग्य‘: एकता कपूर
ज़ी टीवी पर अपना अगला शो ‘कुंडली भाग्य‘ पेश करते हुए एकता कपूर ने बताया किया कि वे रणवीर सिंह को टेलीविजन पर देखना चाहती हैं
छोटे पर्दे पर 25 वर्षों से अधिक समय से राज कर रहीं भारतीय टेलीविजन की महारानी और बालाजी टेलीफिल्म्स की जाॅइंट मैनेजिंग डायरेक्टर और क्रिएटिव डायरेक्टर एकता कपूर ज़ी टीवी पर अब अपने नए शो ‘कुंडली भाग्य‘ के साथ लौटी हैं। 12 जुलाई को रात 9:30 बजे शुरू हो रहा ‘कुंडली भाग्य‘ नई प्राइमटाइम फिक्शन सीरीज है, जो भारत के नं. 1 प्राइमटाइम डामा ‘कुमकुम भाग्य‘ की छोटी-छोटी कहानियों से जन्मा है। इसमें प्रज्ञा की दो बहनों – प्रीता और सृष्टि की कहानी है। एक खास मुलाकात में एकता ने बताया कि उनके इस नए शो के लीडिंग मैन एक स्टार क्रिकेटर क्यों है। इसके अलावा उन्होंने और भी बहुत सारी बातों पर चर्चा की।
– कुमकुम भाग्य और कुंडली भाग में क्या फर्क है
कुंडली भाग्य, कुमकुम भाग्य का ही एक समानांतर संसार है जो इसी शो की छोटी-छोटी कहानियों से जन्मा है। कुमकुम भाग्य जल्दी ह 1000 एपिसोड्स पूरे करने जा रहा है। जहां दर्शकों ने अभि (शब्बीर अहलूवालिया) और प्रज्ञा (श्रीति झा) की केमिस्ट्री को बहुत पसंद किया, वही कुंडली भाग्य में प्रज्ञा की बहनें प्रीता और सृष्टि होंगी, जिसमें एक पंजाबी परिवार से उनके संबंध दिखाए जाएंगे। इस पंजाबी परिवार की बड़ा बेटा रिषभ लूथरा एक सेलिब्रिटी मैनेजमेंट फॉर्म चलाते हैं, जो अभि का म्यूजिक करियर संभालती है।
– इस शो के टाइटल ‘कुंडली भाग्य‘ का क्या मतलब है?
‘कुंडली‘ शब्द आपकी तकदीर से जुड़ा होता है, जिसके जरिये आप एक ऐसे इंसान से मिलते हैं जिससे आपका मिलना तय होता है, भले ही वह इंसान एक बुरा जीवनसाथी क्यों न हो। इसके बाद फिर आपको तय करना होता है कि आप उस इंसान के साथ अपनी जिंदगी गुजार सकते हैं या फिर कोई अन्य राह चुनते हैं। यही जिंदगी की खूबसूरती है। किसी भी वक्त आपकी तकदीर में किसी एक इंसान के साथ जिंदगी गुजारना लिखा होता है। अब आप उस इत्तेफाक के साथ क्या करते हैं, उसी से आपका ‘भाग्य‘ तय होता है।
– कुंडली भाग्य टीवी के नं. 1 शो कुमकुम भाग्य का स्पिन ऑफ है, तो आपको इसे बड़ी सफलता दिलाने में कितना प्रेशर महसूस हो रहा है
मैं नहीं जानती कि इसे पिछले शो के समान रेटिंग दिलाने के लिए मुझे क्या करना होगा। मैं सिर्फ इतना जानती हूं कि मैं उसी भावना के साथ यह कहानी लिखूंगी जो मैंने पिछले शो के लिए लिखी थी। इसे भी मैं पूरे दिल और लगन के साथ काम लिखूंगी। अब इन चारों किरदारों को भी दर्शकों से उसी तरह का प्यार मिले, यह एक उम्मीद है। मैंने कभी भी अपने दर्शकों को सामान्य तौर पर नहीं लिया। हमारी कंपनी का यह उसूल है कि हम हमेशा अपने दर्शकों को अच्छी सामग्री के जरिए बांधी रखेंगे। हमारी टीम इसके लिए दिन-रात मेहनत करती है। हम हमेशा मेहनत करते हैं और फिर इसे दर्शकों पर छोड़ देते हैं कि वह हमें स्वीकार करते हैं या नहीं।
– इस शो में आपके लीड किरदारों में से एक क्रिकेटर है।
जब भी मेरा शो कोई दिखाया जाता है तो मैं उम्मीद करती हूं कि वह क्रिकेट सीजन ना हो क्योंकि जब सचिन तेंदुलकर खेलते थे तो हमारी रेटिंग बहुत नीचे गिर जाती थी। यही वह समय होता था जब हमारे शोज़ बुरी तरह प्रभावित होते थे। इनमें हमारे लोकप्रिय शो ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी‘ और ‘कहानी घर-घर की‘ जैसे शो भी शामिल है। ऐसा नहीं है कि मैं क्रिकेट फैन हूं लेकिन इस बार मैंने नए क्रिकेटर हार्दिक पंड्या के बारे में बहुत सुन रखा है। अपने लीड किरदार करण के जरिये मैं क्रिकेट को अपना सलाम दे रही हूं क्योंकि यह खेल देश के दिल की धड़कन है और यह हर देशवासी की रगों में दौड़ता है। मुझे यह एक दिलचस्प विषय लगा क्योंकि क्रिकेट के लिए हमारे देश में बेहद दीवानगी है।
– आपको कुंडली भाग्य बनाने के लिए किस बात ने प्रेरित किया?
मैंने अपने शोज़ में कई बार अलग-अलग चीजें की हैं। मेरा शो ‘कुटुंब 2‘ पहला स्पिन ऑफ था, जिसमें मैंने उन्हीं किरदारों को लिया और उनके आसपास की दुनिया बदल दी। यदि आप देखेंगे तो पाएंगे कि हम लोगों ने ही टाइम लीप का काॅन्सेप्ट शुरू किया था जो स्पिन ऑफ की तरह ही है लेकिन यह एक ही शो में होता है। आप कुछ किरदार लेते हैं और वक्त से आगे की कहानी पेश करते हैं। 2005 में आए अमेरिकन ड्रामा ‘ग्रेस एनाटॉमी‘ के समय से मैं स्पिन ऑफ बनाना चाह रही थी। मुझे एक ऐसा शो बनाने की जरूरत महसूस हो रही थी जिसमें कुमकुम भाग्य का एक समांतर संसार हो क्योंकि मैं वही सादगी दिखाना चाहती थी जो कुमकुम भाग्य की शुरूआत में थी। अब कुमकुम भाग्य की कहानी बहुत आगे बढ़ चुकी है और यह एक अलग स्तर पर पहुंच गया है, लेकिन कुमकुम भाग्य की शुरुआती मासूमियत हमने कुंडली भाग्य में पेश की है। इसमें दो बहनों में से एक का जिंदगी के प्रति एक अलग नजरिया है। मुझे यह स्पिन ऑफ की प्रेरणा शोंडा राइम्स के सुपरहिट ड्रामा ‘ग्रेस एनाटॉमी‘ से मिली। मैं एक अच्छी कहानी लिखना चाहती हूं, उसी तरह जिस तरह मैंने इसके पिछले शो की कहानी लिखी थी। हम लोग दर्शकों का मनोरंजन करना चाहते हैं, पारिवारिक मूल्यों की बातें करना चाहते हैं और अलग-अलग व्यक्तित्व के लोगों की धारणा और उनके चुनाव के तरीके पेश करना चाहते हैं। जरूरी नहीं कि यह चुनाव सही या गलत ही हो, क्योंकि सभी अपने-अपने दायरे में बंधे हैं और हम जो चुनते हैं उसके आधार पर ही अपना भाग्य तय करते हैं।
– क्या आपके मन में किसी ऐसे शो का विचार है जिसे आप व्यक्तिगत रूप से पसंद करती हैं लेकिन आपको लगता हो कि दर्शक इसे पसंद नहीं करेंगे?
कई साल पहले मैंने एक शो शुरू किया था जिसका नाम था ‘अजीब दास्तां है ये‘। इस शो में शादी के बाद की कहानी है। इसमें दिखाया गया था कि कैसे एक लड़की की शादी एक बुरे आदमी से होती है। इसके बाद इस लड़की को अपने फैसलों पर विचार करना पड़ता है और अपने लिए एक बेहतर राह चुननी होती है। मुझे यह काॅन्सेप्ट पसंद आया था, जिसमें आप अपने लिए खड़े होते हैं और समझौता करने के बजाय आगे बढ़ते हैं, लेकिन दर्शकों ने इस शो को स्वीकार नहीं किया और यह नहीं चला। इसके बाद जब हमने सर्वे किया तो हमें पता चला कि बहुत-से लोग यह मानते हैं कि शादियों में लोगों को समझौता करना पड़ता है और शादी को बनाए रखना पड़ता है क्योंकि वैवाहिक जीवन के अपने उतार-चढ़ाव होते हैं। दर्शक ऐसे सीरियल देखना पसंद करते हैं जिसे उनके परिवार पसंद करते हैं और स्वीकार करते हैं। जो काॅन्सेप्ट औसत भारतीय महिला के परिवारों को पसंद नहीं आते, वह स्वाभाविक रूप से नहीं देखे जाते हैं।
– क्या आप अपने शोज़ में बोल्ड सींस रखती हैं?
नहीं मैं अपने शोज़ में बोल्ड सींस का इस्तेमाल नहीं करती। मैंने ‘बड़े अच्छे लगते हैं‘ में एक बोल्ड सीन किया था और एक ही रात में इस शो की रेटिंग 5 से गिरकर 2 पर आ गई जबकि इसी सीन को 20 लाख लोगों ने ऑनलाइन देखा था। तो जब हम भारतीय टेलीविजन के लिए शो बनाते हैं तो हम इसमें बोल्ड सींस का इस्तेमाल नहीं करते क्योंकि यह चलते नहीं है। इसका मतलब यह नहीं कि फलां दृश्य बुरा होता है। इसका मतलब यह होता है कि आप इसे अलग से देखना चाहते हैं और आप इसे अपने परिवार के साथ बैठकर देखने में सहज महसूस नहीं करते हैं। एक बार मैं अपने पिता के साथ फिल्म देखने गई और फिल्म की शुरुआत में ही एक बोल्ड दृश्य था। यह दृश्य देखते हुए जब मैं शरमा रही थी, तभी मेरे पिता पॉपकॉर्न लाने के बहाने सीट से उठकर बाहर चले गए। तो यह कुछ ऐसा है जो हमारे अंदर रचा-बसा है। टेलीविजन के लिए मैं हमेशा अच्छी सामग्री बनाना चाहती हूं और ऐसी जिसे मैं अपने परिवार के साथ बैठकर देख सकूं।
– ऐसा कोई बॉलीवुड एक्टर, जिसे आप टीवी पर देखना चाहती हैं
मैं रणवीर सिंह को देखना चाहूंगी क्योंकि वह एंटरटेनिंग है। मैं उन्हें पसंद करती हूं और उनके साथ काम करना बहुत मजेदार था। वरुण धवन, रणवीर सिंह और यहां तक कि अर्जुन कपूर भी छोटे पर्दे पर शानदार लगेंगे।
-हम आपके पिता जीतेंद्र जी को दोबारा पर्दे पर कब देख पाएंगे?
मैंने अक्सर अपने पिता से कहा कि क्या वह मेरे किसी एक शो में काम करना चाहेंगे, लेकिन वे फिलहाल एक्टिंग में वापसी के लिए तैयार नहीं हैं। वह फिल्मों में भी काम नहीं कर रहे हैं क्योंकि वह अपने रियल एस्टेट के व्यवसाय में व्यस्त हैं। मैंने उनसे पूछा कि क्या मेरे किसी शो में काम करेंगे लेकिन उन्होंने कहा कि वह अपने निर्माण के व्यवसाय में ही खुश हैं। वह अपने दोस्तों के साथ मस्त रहते हैं। वह एक्टिंग नहीं कर रहे हैं लेकिन उनका काम जारी है। हमें भी अपने मां-बाप को थोड़ा आराम देना चाहिए जिन्होंने हमें एक अच्छी नीव देने के लिए अपनी सारी जिंदगी काम किया।
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