अमेरिका में अवैध अप्रवासी भारतीयों को ट्रैकर लगाए

नई दिल्ली, 07 फरवरी। अमेरिका से डिपोर्ट हो रहे भारतीय प्रवासियों की वापसी के बाद कई नए खुलासे हो रहे हैं। अमेरिका ने अब तक बिना वैध दस्तावेज वाले 20,407 भारतीयों को चिह्नित किया है।

इन सभी को अवैध भारतीय अप्रवासी कहा जाता है। ये अंतिम बेदखली आदेश (फाइनल रिमूवल ऑर्डर) के इंतजार में हैं।

इनमें से 2,467 भारतीय इमिग्रेशन एंड कस्टम एनफोर्समेंट (ICE) के डिटेंशन सेंटर्स में कैद थे। इन्हीं में से 104 को हाल में भारत डिपोर्ट किया गया।

इसके अलावा 17,940 भारतीय ऐसे हैं जो बाहर हैं, इनमें से कई भारतीयों के पैरों में डिजिटल ट्रैकर (एंकल मॉनीटर) लगाए गए हैं। ICE इनकी लोकशन चौबीसों घंटे ट्रैक करती है। ये लोग निर्धारित लोकेशन से बाहर नहीं जा सकते हैं।

अमेरिकी डिटेंशन सेंटर्स में क्षमता से ज्यादा लोग अमेरिकी डिटेंशन सेंटर को लेकर सामने आई एक रिपोर्ट में बड़े खुलासे हुए हैं। ICE ने कहा कि कि उनके डिटेंशन सेंटर्स में क्षमता के मुकाबले 109% लोग ज्यादा है।

होमलैंड सुरक्षा विभाग के डेटा के मुताबिक डिटेंशन सेंटर्स की कुल क्षमता 38,521 बिस्तरों की है। वहीं, फिलहाल इस सेंटर्स में 42 हजार अवैध अप्रवासी हैं। इनमें से आधों को मेक्सिको सीमा पर गिरफ्तार किया गया था।

भारतीयों के हाथ-पैर चेन से बांधकर प्लेन में चढ़ाया अमेरिका से डिपोर्ट किए गए 104 भारतीयों को लेकर US मिलिट्री का C-17 प्लेन 5 फरवरी को पंजाब के अमृतसर एयरपोर्ट पर उतरा।

इन लोगों के पैर में बेड़ियां बांधी गई थीं, जबकि हाथ भी चेन से जकड़े हुए थे। अमेरिकी बॉर्डर पेट्रोल चीफ माइकल बैंक्स ने अपने X हैंडल पर इसका वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में भारतीयों के हाथों और पैरों में बेड़ियां साफ देखी जा सकती हैं।

यूरोप के टूर पर गई निकिता अमेरिका से डिपोर्ट हुईं गुजरात के मेहसाणा की 28 वर्षीय निकिता पटेल अपनी सहेली के साथ यूरोप के टूर पर गई थीं। यहां उनके पिता कनूभाई पटेल ने बताया कि बेटी से परिवार की आखिरी बात 14-15 जनवरी हो हुई थी, तब वह यूरोप में ही थी।

वहीं, आणंद जिले की युवती भी नर्सिंग के बाद यहां प्राइवेट हॉस्पिटल में 30 हजार की जॉब नौकरी करती थीं। करीब डेढ़ साल पहले वह गहने और खेत बेचकर एजेंट को 52 लाख रुपए देकर वाया कनाडा अमेरिका पहुंच गई।

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