अबू कतल की हत्या: लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी के निधन से भारत को बड़ी जीत मिली

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,17 मार्च।
पाकिस्तान में हुए एक हमले में लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के शीर्ष कमांडर अबू कतल को गोलियों से भूनकर मार दिया गया। 43 वर्षीय अबू कतल हाफिज सईद का सबसे करीबी सहयोगी था और उसे भारतीय सुरक्षा एजेंसियों द्वारा जम्मू और कश्मीर में कई खतरनाक आतंकी हमलों में शामिल होने के आरोप में वांछित किया गया था। यह जानकारी रविवार (16 मार्च 2025) को अधिकारियों ने दी।

अबू कतल लश्कर-ए-तैयबा का एक प्रमुख हैंडलर माना जाता था, जो जम्मू और कश्मीर में पुंछ-राजौरी क्षेत्र में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने में सक्रिय था। उसे हाफिज सईद के सबसे विश्वसनीय सहयोगियों में से एक के रूप में देखा जाता था और वह कुछ आतंकवादी हमलों की योजना बनाने में शामिल था।

अबू कतल की मारे जाने की घटना पाकिस्तान में हुई, जहां हमलावरों ने उसे घेरकर गोलियों से हमला किया। अधिकारियों के अनुसार, यह हमला उस समय हुआ जब अबू कतल किसी स्थान पर मौजूद था, और हमलावरों ने उसे निशाना बना लिया।

अबू कतल की हत्या को भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक मुख्य विजय के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि वह बहुत समय से भारत में आतंकवादी हमलों में सक्रिय था और भारतीय अधिकारियों ने उसकी गिरफ्तारी के लिए काफी कोशिशें की थीं।

कश्मीर में लश्कर-ए-तैयबा ने किए गए कई हमलों में अबू कतल का नाम सामने आया है। विशेष रूप से पुंछ-राजौरी क्षेत्र में, जहां लश्कर ने कई आतंकी हमले किए थे, अबू कतल की प्रमुख भूमिका थी। अब उसकी मौत से इस क्षेत्र में आतंकवाद को लेकर गंभीर चिंता जताई जा रही है, लेकिन साथ ही सुरक्षा बलों को एक बड़ी सफलता मिली है।

यह हमला पाकिस्तान में हुए एक और बड़े आतंकी घटना के रूप में सामने आया है, जो इस बात को और स्पष्ट करता है कि पाकिस्तान में कई आतंकवादी संगठन सक्रिय हैं और भारत के खिलाफ अपनी गतिविधियों को जारी रखते हैं।

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