सीट अलॉटमेंट के बाद फ्रीज, फ्लोट और स्लाइड का ऑप्शन

सीट अलॉटमेंट के बाद फ्रीज, फ्लोट और स्लाइड  का ऑप्शन
 जेईई एडवांस का रिजल्ट आने के बाद देशभर के आईआईटी, एनआईअी व ट्रिपलआईटी में एडमिशन की दौड़ शुरू हो गई है। रजिस्ट्रेशन और च्वॉइस फिलिंग की शुरुआत हो चुकी है। इस साल आईआईटी में 416 व ट्रिपलआईटी में 420 बढ़ी हुई सीटों पर प्रवेश मिलेगा। मॉक सीट एलोकेशन की प्रक्रिया 20 और 23 जून को होगी। इसमें रैंक, च्वॉइस फिलिंग के आधार पर स्टूडेंट को मिलने वाला संस्थान व ब्रांच उसनके नाम के आगे डिस्प्ले की जाएगी। फस्र्ट राउंड के सीट अलॉटमेंट के बाद स्टूडेंट्स को अपनी सुविधा के अनुसार रिपोर्टिंग सेंटर्स पर पहुंचना होगा। यहां डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के साथ ही उन्हें फीस जमा करनी होगी। अगर स्टूडेंट अलॉटेड इंस्टिट्यूट और ब्रांच से संतुष्ट नहीं है तो वह फ्लोट या स्लाइड का ऑप्शन चुन सकेगा।
स्टूडेंट को मिलेगा लाभ, जोसा ने बनाए हेल्प और रिपोर्टिंग सेंटर
फस्र्ट राउंड में अगर स्टूडेंट को एनआईटी मिलता है और उसने डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के बाद फ्लोट का ऑप्शन चुना है और अगले राउंड में उसे आईआईटी मिलता है तो उसे संबंधित आईआईटी में रिपोर्टिंग करनी होगी।
इस साल काउंसलिंग में स्टूडेंट्स को कई मायने में लाभ मिलने वाला है। उम्मीदवार को मॉक सीट एलोकेशन की सुविधा भी मिलने वाी है। इसके अलावा स्टूडेंट्स को आईआईटी व ट्रिपलआईटी की बढ़ी हुई सीटों पर प्रवेश मिलेगा। ज्वाइंट सीट एलोकेशन अथॉरिटी (जोसा) ने स्टूडेंट्स की सहूलियत के लिए देशभर में 38 हेल्प और रिपोर्टिंग सेंटर भी बनाए है। च्वॉइस फिल करते समय इस बात का ध्यान रखना जरुरी है कि एक बार इसे भरने के बाद बदला नहीं जा सकता। इस बार जोसा ने मॉक सीट एलोकेशन की व्यवस्था भी की है। इससे स्टूडेंट्स को ये पता चल जाएगा कि उन्हें किस संस्थान की किस ब्रांच में एडमिशन मिल सकता है। सीट अलॉटमेंट के बाद स्टूडेंट्स के पास तीन ऑप्शन होंगे, फ्रीज, फ्लोट और स्लाइड। इस खास रिपोर्ट में समझिए मॉक सीट एलोकेशन और तीनों ऑप्शन के बारे में-
फ्रीज-जो च्वॉइस फिल की है उसे वही संस्थान व ब्रांच मिल रही है तो वह इस ऑप्शन के जरिए फ्रीज कर सकता है।
फ्लोट-एक स्टूडेंट ने अगर च्वॉइस फिलिंग में 10 संस्थान चुने हैं, पहले राउंड में उसे 5 वें नंबर का संस्थान मिल रहा है और वह इससे उपर के संस्थान चाहता है तो उसे फ्लोट ऑप्शन चुनना होगा। इससे वह अगले राउंड की काउंसलिंग में शामिल होकर उपर के संस्थान मिलने की संभावना रख सकता है।
स्लाइड-स्टूडेंट को पसंदीदा आईआईटी में सिविल ब्रांच मिल रही है वह उसी आईआईटी में मैकेनिकल ब्रांच चाहता है तो उसे इसके लिए स्लाइड का ऑप्शन चुनना होगा। इससे सीट खाली होते ही उसे पसंदीदा ब्रंाच मिलने की संभावना रहेगी।

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