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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,19 अप्रैल। बिहार की राजनीति में भूचाल लाने वाले जबरन वसूली मामले में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के कद्दावर विधायक रितलाल यादव ने गुरुवार को दानापुर कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। कोर्ट ने उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। उनके साथ उनके भाई पिंकू यादव, बहनोई चिक्कू यादव और सहयोगी श्रवण यादव ने भी सरेंडर किया।
पटना पुलिस के वेस्ट सिटी एसपी शरथ आर एस के अनुसार, इन सभी पर संगठित अपराध, जबरन वसूली और धमकी देने के गंभीर आरोप हैं। यह मामला खगौल थाने में एक बिल्डर कुमार गौरव द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर दर्ज किया गया था।
बिल्डर ने आरोप लगाया था कि 2023 में कोठवा गांव में एक अपार्टमेंट प्रोजेक्ट शुरू करने के बाद विधायक रितलाल यादव और उनके सहयोगियों ने 30 लाख रुपये की मांग की और जान से मारने की धमकी दी। FIR में यह भी दर्ज है कि विधायक के भाई पिंकू यादव से ही निर्माण सामग्री खरीदने का दबाव बनाया गया और काम रोकने की धमकी दी गई।
पुलिस ने 11 अप्रैल को बिहार एसटीएफ और अन्य यूनिट्स के साथ मिलकर रितलाल यादव और उनके करीबियों के 11 ठिकानों पर छापेमारी की थी। इन छापों के दौरान 10.5 लाख रुपये नकद, 77.5 लाख रुपये के ब्लैंक चेक, 14 संपत्ति दस्तावेज, 17 चेकबुक, 6 पेनड्राइव, एक वॉकी-टॉकी और अन्य दस्तावेज बरामद किए गए।
कोर्ट से बाहर लाए जाते समय रितलाल यादव ने मीडिया से कहा, “मेरे खिलाफ यह साजिश है… मुझे खत्म करने की साजिश रची जा रही है। मैं डरने वाला नहीं हूं। मैं जेल से भी चुनाव लड़ूंगा, पार्टी के टिकट पर और जनता के समर्थन से जीतूंगा।”
उन्होंने यह भी दावा किया कि उन्हें जान से मारने की साजिश की जा रही है और पुलिस की कार्रवाई पूरी तरह से राजनीतिक है।
वहीं, जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने राजद पर जोरदार हमला बोला। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता और एमएलसी नीरज कुमार ने कहा, “जो व्यक्ति इलाके में लोगों को धमकाता है, ज़मीन और निर्माण पर वसूली करता है, वही अब अपनी जान को खतरा बता रहा है। तेजस्वी यादव को चाहिए कि ऐसे नेताओं को काबू में रखें।”
गौरतलब है कि रितलाल यादव पर पहले से ही 42 आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें हत्या, हत्या की कोशिश, आर्म्स एक्ट के उल्लंघन और दंगे जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं। हालांकि, अब तक किसी भी मामले में उन्हें सजा नहीं हुई है।
यह मामला बिहार की सियासत में कानून-व्यवस्था और अपराधियों के राजनीतिक संरक्षण पर नई बहस छेड़ रहा है। एक तरफ जहां राजद के विरोधी इस घटना को मुद्दा बना रहे हैं, वहीं रितलाल यादव इसे सत्ता द्वारा प्रायोजित षड्यंत्र बता रहे हैं।
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