यह सुनने मे अजीब है परन्तु यह सच है l आप सोचते होंगे की जिस देश मे बच्चे अपने से बड़ो का पैर छुते है और जिस देश मे बच्चे अपने शिक्षक का पैर छुते है वहाँ यह कैसे और कहा होता है l
जिस देश मे गुरु को भगवान का दर्जा प्राप्त है वहाँ गुरु अपने शिष्य का पैर क्यों छूता ? यह होता है मुम्बइ के एक स्कूल मे l यह स्कूल है ऋषिकुल गुरुकुल विदयालय जहाँ यह घटना आम बात है l यह रोज़ सुबह मे शिक्षक अपने छात्रों का पैर छूते है क्यों की वो मानते है की बच्चो मे भगवान का रूप होता है l भगवान के सामने झुकना सम्मान मन जाता है l उन का यह भी मानना है की बच्चो को इस से सभी उम्र मे सभी का सम्मान करना सिखाएगा l
यह स्कूल मुंबई के घाटकोपर एरिया मे संचालित होता है l यह स्कूल महारास्त्र राज्य सेकेंडरी बोर्ड से जुदा है l यह स्कूल अभी किराये के भवन मे चलता है l
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