महाराष्ट्र के मंत्री धनंजय मुंडे ने दिया इस्तीफा, सरपंच संतोष देशमुख मर्डर केस में करीबी पर लगे आरोप
क्या है पूरा मामला?
महाराष्ट्र के बीड जिले के मसाजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख की कुछ दिन पहले हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड में धनंजय मुंडे के करीबी सहयोगी वाल्मिक कराड का नाम प्रमुख आरोपियों में शामिल था। पुलिस जांच में कई अहम सबूत सामने आए, जिनमें फोन रिकॉर्डिंग, सीसीटीवी फुटेज और अन्य डिजिटल सबूतों से यह साबित करने की कोशिश की गई कि यह हत्या एक सोची-समझी साजिश के तहत की गई थी।
जांच के दौरान विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि धनंजय मुंडे के करीबी की गिरफ्तारी के बावजूद मंत्री पद पर बने रहना सत्ता के दुरुपयोग का उदाहरण है। इस बढ़ते राजनीतिक दबाव के कारण अंततः धनंजय मुंडे को इस्तीफा देना पड़ा।
धनंजय मुंडे ने क्या कहा?
इस्तीफा देने के बाद धनंजय मुंडे ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उन्होंने नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए यह कदम उठाया है। उन्होंने दावा किया कि वह इस मामले में किसी भी तरह से जुड़े नहीं हैं, लेकिन चूंकि उनके करीबी सहयोगी का नाम इसमें आया है, इसलिए वह निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए पद छोड़ रहे हैं।
धनंजय मुंडे ने यह भी कहा कि यह मामला राजनीति से प्रेरित हो सकता है और जांच एजेंसियों को निष्पक्ष तरीके से काम करना चाहिए।
राजनीतिक हलचल और विपक्ष का हमला
मुंडे के इस्तीफे के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में बवाल मच गया है। विपक्षी दलों, खासकर बीजेपी और शिवसेना (शिंदे गुट) ने इसे सरकार की विफलता करार दिया है। विपक्ष का आरोप है कि जब तक जनता का दबाव नहीं बढ़ा, तब तक सरकार ने इस मामले में कोई गंभीरता नहीं दिखाई।
बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि “अगर सरकार अपने मंत्रियों की जवाबदेही तय नहीं कर सकती, तो जनता को ही इसका फैसला करना होगा।”
आगे क्या होगा?
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि:
- क्या धनंजय मुंडे पर कानूनी शिकंजा कसेगा?
- सरकार इस इस्तीफे के बाद और किन नेताओं पर कार्रवाई कर सकती है?
- क्या यह मामला आने वाले चुनावों में बड़ा मुद्दा बनेगा?
यह देखना दिलचस्प होगा कि महाराष्ट्र की राजनीति में यह घटनाक्रम क्या मोड़ लेता है और जांच एजेंसियां इस हत्याकांड में क्या निष्कर्ष निकालती हैं। फिलहाल, धनंजय मुंडे का इस्तीफा सरकार के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।