नई दिल्ली
दिल्ली में 27 साल बाद फतह हासिल करने वाली भारतीय जनता पार्टी गदगद है। रेखा गुप्ता को सीएम बनाने के बाद आज रामलीला ग्राउंड में शपथग्रहण समारोह पूरा हुआ। नई मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के साथ 6 मंत्रियों ने भी शपथ ली। इसमें राजौरी गार्डन में भगवा लहराने वाले मनजिंदर सिंह सिरसा भी हैं। सिरसा पहले अकाली दल के हुआ करते थे। इस बार पार्टी ने उन्हें राजौरी गार्डन से बीजेपी उम्मीदवार बनाया था जहां उन्होंने जीत हासिल कर भाजपा आलाकमान के फैसले को सही ठहराया। इसी का नतीजा रहा कि अब उन्हें कैबिनेट में सीधी एंट्री मिल गई है। आइए जानते हैं कौन हैं मनजिंदर सिंह सिरसा
पहली बार बने विधायक, अकाली दल से था नाता
मनजिंदर सिंह सिरसा रेखा गुप्ता की ही तरह पहली बार विधायक पद के लिए नामित हुए और पहली बार में ही पताका लहरा दिया। हालांकि वे दो बार अकाली दल के टिकट पर विधायक का चुनाव भी जीत चुके हैं। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी ने अपना उम्मीदवार बनाया था। 2025 दिल्ली चुनाव में उन्होंने आम आदमी पार्टी के नेता धनवति चंदेला को 18190 के अंतर से हाराया था। सिरसा को 64132 वोट मिले थे तो वहीं चंदेला को 45942 वोट मिले थे। सिरसा बीजेपी से पहले उसकी एक वक्त पर गठबंधन की साथी रही अकाली दल का हिस्सा थे।
मनजिंदर सिंह सिरसा ने अपनी राजनीतिक यात्रा शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) के सदस्य के रूप में शुरू की और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। 2013 में पहली बार चुने जाने पर, उन्होंने निवर्तमान अध्यक्ष अमरजीत सिंह सरना को हराकर महत्वपूर्ण प्रभाव डाला। सिरसा को 2017 में इस पद के लिए फिर से चुना गया। उन्होंने दिल्ली में सिख समुदाय के नेता के रूप में उनकी प्रतिष्ठा को और मजबूत किया। वर्तमान में भाजपा के राष्ट्रीय सचिव सिरसा अतीत में दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति के अध्यक्ष और इसके महासचिव के रूप में कार्य कर चुके हैं।
सिरसा के राजनीतिक कौशल का प्रदर्शन 2017 के दिल्ली विधानसभा उपचुनाव में किया था, जहां उन्होंने राजौरी गार्डन सीट जीती थी। उन्होंने तब मौजूदा विधायक धनवती चंदेला को 18,190 मतों के भारी अंतर से हराया था। इस बार भी उनकी प्रतिद्वंदी धनवती ही थीं। इस हाई-प्रोफाइल मुकाबले में उनकी जीत ने न केवल एक मजबूत नेता के रूप में उनकी स्थिति को मजबूत किया, बल्कि दिल्ली में भाजपा के बढ़ते समर्थन का भी संकेत दिया।
जन्म और एजुकेशन पर एक नजर
मंजिंदर सिंह सिरसा, जन्म 28 फरवरी 1972 को हुआ था। उन्होंने 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद पंजाब-दिल्ली यूनिवर्सिटी से बीए ऑनर्स किया हुआ है। हालांकि माय नेता के अनुसार, उन्होंने दो साल ही यहां अध्यन किया। मनजिंदर सिरसा सबसे अमीर विधायक के रूप में जाना जाता है। मनजिंदर सिरसा मूलत: हरियाणा के सिरसा के रहने वाले हैं। अगर संपत्ति की बात करें तो चुनावी हलफनामे के मुताबिक, इनकी कुल संपत्ति 248.9 करोड़ है।
क्यों बनाए गए मंत्री?
मनजिंदर सिंह सिरसा उन प्रमुख सिख चेहरों में हैं जो इस बार दिल्ली में चुनकर आए हैं। पीएम मोदी को अक्सर सिरसा के साथ देखा गया है। बीजेपी के सिरसा पर दांव लगाने के पीछे पंजाब में खोई जमीन हासिल करने के साथ एक संदेश देना भी है। किसान आंदोलन के बाद भारतीय जनता पार्टी को वहां झटका लगा है। वहां 2027 में चुनाव है, ऐसे में बीजेपी का यह मास्टरकार्ड शायद पंजाब साधने में काम आ सकता है।