पहले अबू आजमी, अब खालिद अनवर… औरंगजेब पर सियासी लड़ाई महाराष्ट्र से यूपी-बिहार तक आई

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,6 मार्च।
भारतीय राजनीति में ऐतिहासिक किरदारों को लेकर बयानबाजी और विवाद कोई नई बात नहीं है। लेकिन इस बार मुगल शासक औरंगजेब को लेकर छिड़ी सियासी लड़ाई महाराष्ट्र से निकलकर अब उत्तर प्रदेश और बिहार तक पहुंच गई है। महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी के औरंगजेब को लेकर दिए गए बयान पर बवाल थमा नहीं था कि अब बिहार के जदयू नेता और एमएलसी खालिद अनवर के बयान ने इस विवाद को और भड़का दिया है।

कैसे शुरू हुआ विवाद?

इस पूरे विवाद की शुरुआत महाराष्ट्र में औरंगजेब के समर्थन में लगे नारों और पोस्टर्स से हुई थी। इसके बाद वहां की राजनीति गरमा गई, और भाजपा-शिवसेना (शिंदे गुट) ने सपा नेता अबू आजमी को निशाने पर ले लिया। अबू आजमी ने औरंगजेब को लेकर एक बयान दिया, जिसके बाद उन पर तीखे हमले शुरू हो गए।

अब इस विवाद में बिहार के जदयू नेता खालिद अनवर भी कूद पड़े। उन्होंने अपने बयान में कहा,
“इतिहास को छेड़ना और उसे गलत तरीके से पेश करना ठीक नहीं है। किसी भी ऐतिहासिक शख्सियत को राजनीति के लिए इस्तेमाल करना सही नहीं है। औरंगजेब का नाम लेकर नफरत फैलाने की कोशिश की जा रही है।”

महाराष्ट्र से यूपी-बिहार तक क्यों पहुंची बहस?

  • महाराष्ट्र में औरंगजेब समर्थक पोस्टर लगने के बाद वहां भाजपा और शिवसेना (शिंदे गुट) ने इसे “मुस्लिम तुष्टीकरण” से जोड़ा।
  • अबू आजमी के बयान ने इस विवाद को और बढ़ा दिया, जिससे यह मुद्दा हिंदुत्व बनाम तुष्टीकरण की बहस का हिस्सा बन गया।
  • उत्तर प्रदेश और बिहार में यह मुद्दा इसलिए बड़ा हुआ क्योंकि इन राज्यों में भी हिंदू वोट बैंक की राजनीति पर इसका असर पड़ सकता है।
  • बिहार में भाजपा और जदयू के बीच हालिया टकराव भी इसका कारण बना, जहां भाजपा ने खालिद अनवर के बयान को लेकर जदयू पर हमला बोला।

भाजपा ने साधा निशाना

भाजपा ने इसे मुद्दा बनाते हुए जदयू और समाजवादी पार्टी पर हमला बोल दिया।

  • भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि, “कुछ पार्टियां बार-बार भारत विरोधी मानसिकता को बढ़ावा देती हैं। औरंगजेब भारत का दुश्मन था, और उसे महिमामंडित करना देशद्रोह जैसा है।”
  • यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि, “जो लोग औरंगजेब का समर्थन करते हैं, वे मुगलों की मानसिकता के गुलाम हैं।”
  • बिहार भाजपा ने भी खालिद अनवर के बयान पर नीतीश कुमार से जवाब मांगा।

जदयू का जवाब

जदयू ने खालिद अनवर के बयान का बचाव करते हुए भाजपा पर निशाना साधा।

  • जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा, “भाजपा सिर्फ सांप्रदायिक राजनीति करती है। इतिहास से छेड़छाड़ करना और लोगों को धर्म के नाम पर बांटना इनकी रणनीति है।”
  • तेजस्वी यादव की राजद ने भी भाजपा को घेरा और कहा कि भाजपा सिर्फ चुनाव के वक्त ही ऐसे मुद्दे उछालती है।

चुनावी समीकरणों पर असर?

  • उत्तर प्रदेश और बिहार में 2024 के लोकसभा चुनावों को देखते हुए यह मुद्दा राजनीतिक रूप से अहम हो सकता है।
  • भाजपा इस मुद्दे को हिंदुत्व के एजेंडे से जोड़कर अपने वोट बैंक को मजबूत करना चाहती है।
  • जदयू और राजद खुद को सेक्युलर साबित करने में लगे हैं ताकि मुस्लिम वोट बैंक न खिसके।
  • महाराष्ट्र में भी शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन पर दबाव बढ़ेगा, क्योंकि भाजपा इसे चुनावी मुद्दा बना सकती है।

निष्कर्ष

औरंगजेब को लेकर छिड़ी यह सियासी लड़ाई अब केवल महाराष्ट्र तक सीमित नहीं है। यह अब उत्तर प्रदेश और बिहार में भी राजनीतिक दलों के लिए मुद्दे और वोट बैंक की रणनीति का हिस्सा बन चुका है। भाजपा इसे हिंदुत्व के एजेंडे से जोड़ रही है, तो वहीं जदयू और राजद इसे “भाजपा की नफरत फैलाने की चाल” बता रहे हैं। आगामी चुनावों में यह मुद्दा कितना असर डालेगा, यह देखने वाली बात होगी, लेकिन फिलहाल यह सियासी तूफान थमता नहीं दिख रहा।

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