पहला प्रिएंपटिव पीडियाट्रिक किडनी प्रत्यारोपण तथा वयस्क में स्वैप किडनी प्रत्यारोपण
इंदौर: डाॅ. षिल्पा सक्सेना, कंसल्टेंट पीडियाट्रिक नेफ्रोलाॅजी, अपोलो हाॅस्पिटल्स, इंदौर ने बताया कि मध्यप्रदेष में पहला प्रिएंपटिव पीडियाट्रिक किडनी प्रत्यारोपण सफलतापूर्वक कर लिया गया। मरीज एक 11 साल का बच्चा था और डोनर उसकी नानी थी।
यह प्रत्यारोपण अपोलो हाॅस्पिटल्स, इंदौर में 07 जून, 2017 को सफलतापूर्वक की गई और मरीज को आॅपरेषन के बाद 7 दिनों तक अवलोकन करने के बाद 0.9 की क्रिएटिनाईन वैल्यू के साथ अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया।
दूसरी उपलब्धि के बारे में डाॅ. संदीप सक्सेना, कंसल्टेंट – नेफ्रोलाॅजी एवं रीनल ट्रांसप्लांट यूनिट, अपोलो हाॅस्पिटल्स, इंदौर ने बताया, ‘‘इंदौर के अपोलो हाॅस्पिटल्स में 16 जून, 2017 को सफल लाईव रिलेटेड स्वैप ट्रांसप्लांट (पेयर्ड किडनी डोनेषन) किया गया। डाॅ. संदीप सक्सेना अब तक 7 बार सफल स्वैप ट्रांसप्लांट कर चुके हैं।’’
ए प्लस ब्लड ग्रुप का डायबिटीज़ से पीड़ित एक 46 वर्शीय पुरुश पोस्ट सीएबीजी एवं सीकेडी (क्रोनिक किडनी डिज़ीज़) स्टेज 5 प्रथम ग्राही था। उसकी पत्नी (बी प्लस ब्लड ग्रुप) ने द्वितीय ग्राही को अपनी किडनी दान की।
द्वितीय ग्राही बी प्लस ब्लड ग्रुप का 40 वर्शीय व्यक्ति था, जो हाईपरटेंषन के साथ सीकेडी स्टेज 5 में था। उसकी पत्नी (ब्लड ग्रुप ए प्लस) ने अपनी किडनी प्रथम ग्राही को दान की।
स्वैप ट्रांसप्लांट से डोनर/अंगों की कमी की समस्या का समाधान हो गया। इन मामलों में मरीजों ने परिवार के सदस्यों में ब्लड ग्रुप मिसमैच हो जाने के चलते स्वैप ट्रांसप्लांट कराया था। ये दोनों ही मरीज अब स्वस्थ हैं और अच्छी डाईयूरेसिस के साथ आॅपरेषन के बाद 7 दिनों का अवलोकन पूर्ण होने के बाद अस्पताल से डिस्चार्ज हुए।
हमारे सर्जन व फिजिषियंस का तकनीकी कौषल अतुलनीय है। हमारा इन्फ्रास्ट्रक्चर दुनिया में सर्वश्रेश्ठ के तुल्य है। इसके अलावा हमारे मरीजों का विष्वास समय के साथ हममें और अधिक मजबूत हुआ है।
डाॅ. मांडिगा गौरीनाथ, चीफ एक्जिक्यूटिव आॅफिसर, अपोलो हाॅस्पिटल, इंदौर ने बताया कि यह प्रोग्राम (पेयर्ड किडनी डोनेषन) उन मरीजों के लिए एक अच्छा समाधान है जिनके परिजनों में ब्लड ग्रुप मिसमैच है।
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