ज्योति शर्मा: एक सेल्फ मेड स्टार
ज़ी टीवी के नए शो ‘ऐसी दीवानगी …देखी नहीं कहीं‘ में तेजस्विनी के रोल से अपने करियर की शुरुआत करने वाली इस खूबसूरत न्यूकमर ने बताई अपने ड्रीम रोल की कहानी
दो विपरीत इंसानों के बीच प्यार और नफरत की कहानी ‘ऐसी दीवानगी …देखी नहीं कहीं‘ जोश और एक्शन से भरा शो है, जो हाल ही में ज़ी टीवी पर शुरू हुआ। इस शो को जबर्दस्त ओपनिंग मिली है और दर्शकों ने इसकी लीड जोड़ी को भी बहुत पसंद किया है। इस शो में तेजस्विनी मेहता के रोल से अपना डेब्यू करने वाली खूबसूरत ज्योति शर्मा अपने शानदार लुक्स, ऊंचे कद और छरहरे फिगर के चलते दर्शकों को खूब आकर्षित कर रही हैं। उनका किरदार आज की नारी को दर्शाता है, जो पूरी तरह भावुक नहीं है बल्कि भावनाओं और व्यवहारिकता के बीच संतुलन बनाना जानती है। वह एक शहीद पुलिसकर्मी की बेटी है, जो हर हाल में न्याय के लिए खड़ी होती है। ज्योति इसे अपना ड्रीम रोल मानती हैं। इसे हासिल करने के लिए उन्हें भी अपने हिस्से का संघर्ष करना पड़ा। उन्होंने अपनी लगन और मेहनत से यह मुकाम हासिल किया है।
प्रोड्यूसरों के दफ्तरों में घंटों इंतजार करते हुए और कई बार रिजेक्शन का सामना करते हुए ज्योति शर्मा ने किसी भी आम स्ट्रगलर की तरह अपना संघर्ष जारी रखा। उन्होंने मुंबई में अपने संघर्ष के साथ-साथ अपने रहने का खर्च भी खुद ही उठाया क्योंकि वह नहीं चाहती थीं कि उनके माता-पिता उनके सपनों की कीमत चुकाएं। ज्योति ने शुरुआत में चंडीगढ़ में लोगों को डांस की ट्यूशन दी और कुछ डांस प्रतियोगिताओं में हिस्सा भी लिया। इससे कमाए हुए पैसों से वह अपना एक्टिंग करियर बनाने निकल पड़ीं।
ज्योति बताती हैं, ‘‘कभी-कभी ऐसा लगता है जैसे यह कोई सपना हो और मुझे खुद को चिमटी लेकर इसका एहसास करना पड़ता है। जब मैंने पहली बार एक्ट्रेस बनने का फैसला किया, तो मैं जानती थी कि इस राह पर मुझे अकेले ही चलना है और मुझे मुंबई आकर अपना खर्च खुद ही उठाना है, इसलिए मैंने अपनी डांस क्लासेस शुरू कर ली। मैंने ईनाम जीतने के लिए कुछ डांस प्रतियोगिताओं में भी हिस्सा लिया। इन सबसे मैंने 1.5 लाख रुपए जमा किए और फिर हिम्मत जुटाकर अपना एक्टिंग का सपना पूरा करने यहां आ गई। जब मैंने मुंबई की ट्रेन पकड़ी तो मैं थोड़ी परेशान थी क्योंकि मुझे वह ब्रीफकेस नहीं मिल रहा था जिसमें मैंने अपना पैसा रखा था। इसके बाद मुझे एक बड़ा झटका लगा जब मुझे पता चला यह ब्रीफकेस चोरी हो गया है। मैं पूरी तरह टूट ही गई लेकिन तभी एक नेक बुजुर्ग इंसान मेरे पास आए और मुझे एक सूटकेस दिखाते हुए पूछा कि क्या वह मेरा तो नहीं है। वह मेरा ही सूटकेस था। मैं नहीं जानती कि अगर वह नेक इंसान मेरे पास न आया होता तो क्या होता। मैं अपनी सफलता का श्रेय इसी नेक सज्जन को देना चाहती हूं।‘‘
शो के वर्तमान ट्रैक मैं दिखाया जा रहा है कि तेजस्विनी जेल में प्रेम के बाजू वाले सेल में खुद को बंद कर लेती है ताकि उसे उससे बात करने का मौका मिले और वह अपनी समस्याएं सुलझा सकें। इस चर्चा के बाद प्रेम और तेजा मिलकर यह तय करते हैं कि वह अपनी लड़ाई अपने तक ही सीमित रखेंगे और उसमें अपने परिवारों को नहीं लाएंगे। इसके बाद प्रेम, तेजा को कॉलेज के जनरल सेक्रेटरी के पद के लिए चुनाव लड़ने को उकसाता है ताकि वह अपनी जिम्मेदारियों में उलझ जाए। इसके बाद तेज यह चुनाव जीत जाती है और अपने कॉलेज के अनेक मुद्दों में व्यस्त हो जाती है। एक रात तेजा होस्टल में एक सीक्रेट पार्टी में जाती है, जिसे प्रेम ने आयोजित किया है। इस पार्टी में प्रेम तेजा को नशीली दवा वाली ड्रिंक पिला देता है। क्या तेजा प्रेम के जाल से निकल पाएगी?
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