गोंडा में महिलाओं की सुरक्षा पर फोकस: 270 असुरक्षित स्थान चिन्हित, 136 शोहदों की पहचान, एंटी रोमियो स्क्वॉड का खास प्लान

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,16 अप्रैल।
उत्तर प्रदेश के गोंडा जनपद में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर पुलिस प्रशासन ने बड़ा कदम उठाया है। हाल ही में एंटी रोमियो स्क्वॉड की सक्रियता से सामने आया है कि जिले में 270 ऐसे स्थान हैं जिन्हें महिलाओं के लिए असुरक्षित माना गया है। साथ ही, पुलिस ने 136 ऐसे शोहदों की पहचान की है जो सार्वजनिक स्थलों पर महिलाओं को परेशान करने में शामिल हैं।

गोंडा पुलिस की एंटी रोमियो स्क्वॉड टीम ने जिले भर में सघन सर्वे और अभियान चलाकर न सिर्फ संवेदनशील इलाकों की पहचान की, बल्कि इन स्थानों पर महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष कार्ययोजना भी तैयार की है। स्कूल, कॉलेज, बाजार, बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन जैसे सार्वजनिक स्थलों पर विशेष निगरानी की जा रही है।

पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर स्क्वॉड की टीमों ने CCTV फुटेज, गश्ती रिपोर्ट और स्थानीय लोगों की शिकायतों के आधार पर इन असुरक्षित स्थानों को चिन्हित किया है।

पुलिस के अनुसार, अब तक 136 ऐसे युवकों की पहचान की जा चुकी है जो छेड़खानी, पीछा करने, अशोभनीय टिप्पणी करने जैसे कृत्यों में लिप्त पाए गए हैं। इनमें से कई के खिलाफ पहले भी शिकायतें दर्ज थीं, लेकिन सख्त कार्रवाई नहीं हो सकी थी।

अब इन शोहदों पर नजर रखने के लिए खास रणनीति तैयार की गई है। जरूरत पड़ने पर इनके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट, गुंडा एक्ट जैसी सख्त धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी।

एंटी रोमियो स्क्वॉड की ओर से महिला सुरक्षा को लेकर एक विशेष प्लान तैयार किया गया है, जिसमें शामिल हैं:

  • संवेदनशील स्थानों पर महिला पुलिस की तैनाती

  • सिविल ड्रेस में पुलिसकर्मियों की तैनाती

  • नियमित गश्त

  • छात्राओं के साथ संवाद कार्यक्रम

  • हेल्पलाइन नंबर की जागरूकता

  • स्कूल-कॉलेज में आत्मरक्षा की ट्रेनिंग

पुलिस की इस पहल से स्थानीय लोगों और खासतौर से महिलाओं में विश्वास बढ़ा है। छात्राएं अब खुलकर अपनी बात कह पा रही हैं। एक स्थानीय कॉलेज छात्रा ने बताया, “पहले डर के कारण कई बार हम चुप रहते थे, लेकिन अब पुलिस की उपस्थिति से हमें काफी राहत मिली है।”

गोंडा पुलिस प्रशासन ने साफ कर दिया है कि महिला सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि “हर शोहदे पर कड़ी नजर है और यदि किसी ने कानून हाथ में लेने की कोशिश की, तो उसे बख्शा नहीं जाएगा।”

गोंडा में एंटी रोमियो स्क्वॉड की यह पहल न सिर्फ एक सकारात्मक संकेत है, बल्कि यह भी दिखाता है कि महिला सुरक्षा को लेकर अब पुलिस और प्रशासन पहले से ज्यादा गंभीर और सक्रिय हैं। अगर इस प्लान को सख्ती से लागू किया गया, तो आने वाले समय में गोंडा महिला सुरक्षा के क्षेत्र में एक उदाहरण बन सकता है।

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