नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बहनोई और कारोबारी रॉबर्ट वाड्रा एक बार फिर प्रवर्तन निदेशालय (ED) के रडार पर हैं। गुड़गांव के शिकोहपुर में एक ज़मीन सौदे से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने अपनी जांच तेज़ कर दी है। मंगलवार को वाड्रा ईडी मुख्यालय पहुंचे, जहां उनसे करीब छह घंटे तक पूछताछ की गई और उनका बयान दर्ज किया गया। अब उन्हें बुधवार, 16 अप्रैल को फिर से पूछताछ के लिए बुलाया गया है।
ईडी कार्यालय में प्रवेश से पहले वाड्रा ने मीडिया से संक्षिप्त बातचीत में कहा, “जब भी मैं अल्पसंख्यकों के अधिकारों की बात करता हूं, मुझे निशाना बनाया जाता है। जांच एजेंसियों का दुरुपयोग हो रहा है, लेकिन मैंने हमेशा सहयोग किया है।”
उन्होंने इस जांच को “राजनीतिक प्रतिशोध” करार दिया।
यह मामला 2008 में स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड के जरिए शिकोहपुर में 3.5 एकड़ ज़मीन की खरीद से जुड़ा है। वाड्रा की कंपनी ने यह ज़मीन ₹7.5 करोड़ में ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज़ से खरीदी थी। आरोप है कि संपत्ति का सौदा और पंजीकरण कुछ घंटों के भीतर ही पूरा हो गया, जिससे संदेह पैदा हुआ।
इससे पहले वाड्रा को 8 अप्रैल को पेश होने के लिए कहा गया था, लेकिन उन्होंने नई तारीख की मांग की थी।
ईडी पहले भी वाड्रा से पूछताछ कर चुकी है, जिसमें लंदन स्थित संपत्ति से जुड़ा मामला प्रमुख रहा है।
दिसंबर 2023 में, ईडी ने यूएई के कारोबारी सी.सी. थंपी और यूके निवासी संजय भंडारी के सहयोगी सुमित चड्ढा के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी। इसमें वाड्रा के फरीदाबाद के अमीरपुर गांव में ज़मीन खरीदने और बेचने के पुराने सौदों का भी ज़िक्र है।
हालांकि वाड्रा या उनकी पत्नी प्रियंका गांधी वाड्रा को इस केस में आधिकारिक रूप से आरोपी नहीं बनाया गया है, लेकिन ईडी उनके लेन-देन की जांच कर रही है।
सूत्रों के अनुसार, प्रियंका ने भी एच.एल. पहवा से पांच एकड़ ज़मीन खरीदी थी, जिसे बाद में वापस कर दिया गया। ईडी का दावा है कि पहवा को भुगतान नकद और बैंकिंग चैनलों के बाहर से किया गया था।
ईडी ने अब तक वाड्रा के खिलाफ कोई ठोस साक्ष्य सार्वजनिक रूप से नहीं दिया है, लेकिन एजेंसी का कहना है कि जांच जारी है और सभी बयानों के आधार पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
वाड्रा ने फिर से भरोसा जताया कि वह जांच में पूरा सहयोग करेंगे। उन्होंने कहा, “मेरे पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है, मैं हर तरह से जांच में साथ दूंगा।”
यह मामला आने वाले दिनों में और तूल पकड़ सकता है, खासकर ऐसे समय में जब विपक्ष केंद्र सरकार पर जांच एजेंसियों के दुरुपयोग के आरोप लगा रहा है।
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