एसआरएम युनिवर्सिटीए एपी. अमरावती ने पाठ्यक्रम सामग्री के लाइसेन्स के लिए एमआईटीए यूएस के साथ किया समझौता
एसआरएम युनिवर्सिटीए एपी. अमरावती ने डप्ज्ग कोर्सेज़ के इस्तेमाल द्वारा हमारे पाठ्यक्रम के डिज़ाइन और विकास के लिए मैसाचुसेट्स इन्सटीट्यूट ऑफ टेकनोलोजी य;डप्ज्द्ध, यूएस के साथ काम करना शुरू कर दिया है। इसमें कई तरह के पाठ्यक्रम शामिल होंगे जैसे कैलकुलसए इलेक्ट्रो मैग्नेटिक थ्योरीए क्लासिकल मैकेनिक्सए कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग आदि।
इन पाठ्यक्रमों में पारम्परिक एवं तकनीकी अध्यापन विधियों के इस्तेमाल द्वारा हाइब्रिड लर्निंग की अवधारणा को शामिल किया जाएगा। यह विद्यार्थियों को शैक्षणिक तकनीकों के इस्तेमाल द्वारा पारम्परिक लर्निंग के बजाए हाइब्रिड लर्निंग दृष्टिकोण की ओर बढ़ने में मदद करेगी और विद्यार्थियों को सवालों के जवाब हल करने के लिए प्रोत्साहित करेगी।
ष्ष्एसआरएम लर्निंग के नए तरीके को अपना रहा हैए जिसे इससे पहले भारत में नहीं अपनाया गया है। हम कक्षा के पारम्परिक मोनोलॉगस तरीकों के बजाए प्रोजेक्ट्स एवं लैब कोर्सेस के माध्यम से प्रैक्टिकल और ऐप्लीकेशन उन्मुख लर्निंग पर ज़ोर देंगे। एसआरएम युनिवर्सिटीए एपी.अमरावती में हम विद्यार्थियों के लिए विश्वस्तरीय वातावरण का निर्माण करना चाहते हैंय हम उन्हें आने वाले कल के निर्माण में सक्षम बनाना चाहते हैं।ष्ष् एसआरएम युनिवर्सिटीए एपी. अमरावती के प्रेज़ीडेन्ट डॉण् सत्यनारायणन ने कहा।
इन पाठ्यक्रमों की प्रभावी डिलीवरी को सुनिश्चित करने के लिए एसआरएम युनिवर्सिटीए एपी. अमरावती की फैकल्टी ;अध्यापकद्ध सालाना डिज़ाइन शिविरों में हिस्सा लेंगी। इन शिविरों के माध्यम से अध्यापकों को ऐसी तकनीकें सीखने का मौका मिलेगा जिसके द्वारा वे डप्ज्ग कोर्सेज़ और डप्ज् ओपनकोर्सवेयर ; कोर्स सामग्री को प्रासंगिक स्थानीय सामग्री के साथ मिश्रित कर सकेंगे।
इसके माध्यम से विकसित किए जाने वाले पाठ्यक्रमों में शामिल होंगे. कम्प्यूटर साइन्स और प्रोग्रामिंगए कैलकुलसए क्लासिकल मैकेनिक्सए इलेक्ट्रिसिटी एवं मैग्नेटिज़्मए सर्किट एवं इलेक्ट्रोनिक्स आदि।
एसआरएम युनिवर्सिटीए एपी. अमरावती वर्तमान में यूएसए यूके एवं सिंगापुर के अन्य प्रतिष्ठित अन्तरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के साथ साझेदारियों कर रही है। इन अन्तरराष्ट्रीय संगठनों के सहयोग से अक्षय ऊर्जाए अंतरिक्ष प्रोद्यौगिकीए आईओटीए ब्लू इकोनोमीए नैनोटेकनोलोजीज़ आदि क्षेत्रों में शुद्ध एवं अप्लाईड अनुसंधान पर ध्यान केन्द्रित किया जाएगा। ष्ष्राज्य और देश के विकास के लिए अनुसंधान उन्मुख विश्वविद्यालयों का विकास बेहद ज़रूरी है। हम आज की दुनिया में मौजूद समस्याओं के समधान द्वारा इसी दिशा में प्रयासरत हैं।ष्ष् एसआरएम युनिवर्सिटीए एपी. अमरावती के प्रो.वाईस चांसलर डॉ नारायण राव ने कहा।
Comments are closed.