अमृतसर, 17 फरवरी। अमेरिका से अवैध रूप से प्रवास करने वाले 112 भारतीय नागरिकों का तीसरा समूह शनिवार, 15 फरवरी 2025 को विशेष विमान द्वारा अमृतसर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचा। इससे पहले, 5 फरवरी और 10 फरवरी को क्रमशः 117 और 116 भारतीयों के जत्थे भी डिपोर्ट किए गए थे, जिससे कुल संख्या 345 हो गई है।
अधिकांश डिपोर्ट किए गए नागरिक पंजाब और हरियाणा के हैं, जो बेहतर जीवन की तलाश में अवैध रूप से अमेरिका गए थे। अमेरिकी आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन (ICE) के अनुसार, पिछले तीन वर्षों में अवैध रूप से प्रवेश करने की कोशिश करते हुए लगभग 90,000 भारतीय नागरिकों को पकड़ा गया है। अमृतसर हवाई अड्डे पर पहुंचने पर, इन नागरिकों की स्वास्थ्य जांच और दस्तावेज़ सत्यापन किया गया। इसके बाद, उन्हें उनके संबंधित गृह राज्यों में भेज दिया गया। इस दौरान, हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले के पेहोवा निवासी साहिल वर्मा को हत्या के एक मामले में वांछित होने के कारण गिरफ्तार किया गया। उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया था।
डिपोर्ट किए गए कुछ नागरिकों ने आरोप लगाया कि यात्रा के दौरान उन्हें हथकड़ियां और पैरों में जंजीरें पहनाई गईं, जिससे उन्हें अपमानित महसूस हुआ। इसके अलावा, कुछ ने बताया कि उन्हें 15 दिनों तक ब्रश करने की अनुमति नहीं दी गई, जिससे उनकी स्थिति और भी दयनीय हो गई।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने अवैध प्रवासियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है, जिसके परिणामस्वरूप बड़ी संख्या में भारतीय नागरिकों को डिपोर्ट किया जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि अवैध प्रवास के खतरों और कानूनी प्रक्रियाओं के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में ऐसे मामलों में कमी आ सके। इस बीच, भारतीय अधिकारियों ने डिपोर्ट किए गए नागरिकों के पुनर्वास और पुनः एकीकरण के लिए आवश्यक कदम उठाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, ताकि वे समाज में सम्मानजनक जीवन जी सकें।